महाकाल मंदिर प्रशासक एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी द्वारा महाकाल मंदिर के अशासकीय सदस्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। नोटिस उन्हें मंदिर में अवचार व अनाधिकृत प्रवेश के संबंध में दिया गया है। इस नोटिस के बाद अशासकीय सदस्य का उलझना तय माना जा रहा है। जिस तरह से उन्होंने मंदिर में दो दर्जन से अधिक लोगों को अनाधिकृत प्रवेश कराया है वह सरासर नियम विरुद्ध है। महाकाल मंदिर अधिनियम की जिस धारा के तहत अशासकीय सदस्य को नोटिस दिया गया है, उसी धारा के तहत एक बार पूर्व सांसद को भी नोटिस दिया जा चुका है। उस मामले में पूर्व सांसद पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था। यदि महाकाल मंदिर उसी तरह की कोई कार्रवाई करता है तो अकेेले अशासकीय सदस्य ही नहीं उनके साथ अनाधिकृत प्रवेश करने वाले सभी लोग उलझ जायेंगे। महाकाल मंदिर समिति को इस मामले में इसी तरह की कार्रवाई को अंजाम देना चाहिए। महाकाल मंदिर से जुड़े कुछ लोग मंदिर की आड़ में दुकानदारी कर रहे हैं। दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं से मोटी वसूली की जा रही है। जिससे मंदिर की छवि भी धूमिल हो रही है।