पुलिस कप्तान ने पिछले दिनों बैठक लेकर सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया था कि अपने-अपने क्षेत्र में गश्त बढ़ायें और रात्रि में एक बार उसकी जांच की जाये। लेकिन थाना प्रभारियों ने इस बात को अनदेखा कर दिया जिसका नतीजा यह रहा कि शहर में अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
यही नहीं अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि अब तो पुलिसकर्मी पर भी चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। वहीं रात्रि गश्त नहीं होने से चोरियों का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है और संबंधित थाना पुलिस जांच कर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर रही है। अगर यही आलम रहा तो शहर में अपराधियों का बोलबाला हो जायेगा और पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रहेगी।
अभी तो शहर में यह आलम है कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी बदमाश पुलिस को चुनौती देते हुए सभी प्रकार के अपराध की राशि तक तय कर रहे हैं। ऐसे अपराधियों पर तो सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इनका जुलूस निकाल सबक सिखाना चाहिए। मगर ना जाने क्यों थाना प्रभारियों को अपने थाना क्षेत्र में हो रहे अपराधों की या तो जानकारी नहीं या फिर वे जानकार भी अनजान बने हुए हैं। कप्तान साहब अब आपको ही रात्रि गश्त लगानी पड़ेगी तभी इन अपराधियों पर लगाम लग सकेगी नहीं तो जनता ऐसे ही परेशान होती रहेगी।