ट्रेप होने के दो माह पहले उज्जैन सहायक आयुक्त पद पर हुआ था तबादला
उज्जैन,अग्निपथ। जावरा नगर पालिका सीएमओ और राजस्व निरीक्षक को आखिरकार रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को रिलीव करना पड़ा। रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ाने पर दो माह पहले शासन ने उनका तबादला किया था, लेकिन रिलीव नहीं करने पर शुक्रवार को दैनिक अग्निपथ ने तथ्यात्मक खबर प्रकाशित की थी।
रतलाम स्थित नगर पालिका जावरा सीएमओ (मुख्य कार्यपालन अधिकारी) नीता जैन और राजस्व निरीक्षक विजय सिंह सक्तावत को 12 मार्च को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते पकड़ा था। ट्रेप के आरोपी को उसी जगह नहीं रखने के नियम के चलते शासन ने 18 मई को जैन का उज्जैन नगर निगम सहायक आयुक्त और सक्तावत का मंदसौर नगर पालिका में तबादला किया था। करीब दो माह गुजरने पर भी रतलाम प्रशासन आदेश नहीं मिलने का हवाला देकर दोनों को रिलीव करने से बच रहा था।
जानकारी पर दैनिक अग्निपथ ने संभागायुक्त संदीप यादव व रतलाम कलेक्टर कुमार से चर्चा की थी। कलेक्टर के बिफरने पर भी तथ्यात्मक जानकारी जुटाकर 16 जुलाई को खबर प्रकाशित की थी। नतीजतन कलेक्टर को तुरंत दोनों को रिलीव करना पड़ा।
प्रकरण पर असर
सर्वविदित है जैन व सक्तावत को ठेकेदार पवन भावसार से 18500 रुपए लेते हुए लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने रंगेहाथ पकड़ा था। आरोपी उसी पद पर रहते हुए साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं इस नियम को देखते हुए लोकायुक्त ने दोनों को हटाने के लिए शासन को पत्र लिखा था। लेकिन दोनों अपने प्रभाव के चलते रिलीव नहीं होते हुए साक्ष्यों पर असर डालने का प्रयास कर रहे थे।