जावरा। ग्राम रिंगनोद क्षेत्र के मन्याखेड़ी गांव के किसान के खेत में एक विशालकाय मगरमच्छ घुस आया था। जिसे देखकर गांव में हडक़ंप मच गया। ग्रामीणों द्वारा खेत में मगरमच्छ घुस आने की सूचना वन विभाग को दी गई। रात में वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर मगरमच्छ को पकड़ लिया गया। पकड़े हुए मगरमच्छ को वन विभाग ने गांधीसागर में छोड़ दिया।
करीब सात फीट के मगरमच्छ को वनविभाग के बचाव दल ने रात करीब एक बजे मौके पर पहुंच कर पकडा और सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचा दिया। मगरमच्छ खेत में रखी लकडियों पर बैठा हुआ था। चर्चा है कि मगरमच्छ गांव से निकलने वाले बरसाती नाले में बहकर यहां पहुंचा होगा और फिर नाले से निकलकर खेत में चला गया होगा। खेत में मगरमच्छ घुस आने की सूचना पहले पुलिस को और फिर वनविभाग को दी गई।
वनविभाग के अधिकारियों द्वारा फौरन एक बचाव दल गठित कर मगरमच्छ को पकडऩे के लिए भेजा गया। बचाव दल का नेतृत्व कर रहे रतलाम के वन परिक्षेत्र सहायक गोपाल परमार ने बताया कि दल में शामिल किसी भी व्यक्ति को मगरमच्छ के बचाव का कोई पूर्व अनुभव नहीं था, लेकिन मौके की परिस्थितियों के हिसाब से दल के सदस्यों ने जल्दी ही मगरमच्छ को अपने काबू में कर लिया।
ऐसे पाया काबू
परमार ने बताया कि मगरमच्छ खेत में पड़ी लकडिय़ों के पटियों के बीच घुसा बैठा था और उसकी पूंछ बाहर नजऱ आ रही थी। वनकर्मियों ने एक बल्ली की मदद से उसका मुंह उंचा किया और रस्सी का एक फन्दा उसके मुंह पर कस दिया। जब मगरमच्छ ने अपना जबड़ा खोला तो उसमें एक बल्ली फंसा दी गई। जिससे कि किसी को कोई क्षति न पहुंचे। इसके बाद वनकर्मियों ने सावधानीपूर्वक मगरमच्छ को रस्सी से बांध लिया।
मगरमच्छ का रेस्क्यू करने वाली टीम में रतलाम परिक्षेत्र सहायक गोपाल परमार के साथ मुंदड़ी परिक्षेत्र सहायक आर एस जोशी, जावरा परिक्षेत्र सहायक कमल सिंह देवड़ा, बीट गार्ड ताल शैल शर्मा, बीट गार्ड रिंगनोद दशरथ कुमार वसुनिया, बीट गार्ड जावरा हरिश्चंद्र भट्ट, वनरक्षक जितेंद्र जटिया बीट गार्ड पलसोडी,लाल चंद्र मचार,बीट गार्ड ऐवरिया बृजेश पाटीदार, वाहन चालक राजु दा और सुरक्षा श्रमिक सूरज,मेहरबान और राधेश्याम शामिल थे।
इस मगरमच्छ को आज गांधीसागर भिजवा दिया है। उल्लेखनीय है कि गांधीसागर वन्यप्राणी अभ्यारण्य में घडियालों और मगरमच्छों का भी संरक्षण किया जाता है।