मजार-ए-नज़मी पर उमड़े समाजजन, कुर्बानी की रस्म अदा कर बोहरा समाज ने मनाया त्यौहार
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार को बोहरा समाजजनों ने ईद-उल-अदहा का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया। यहूदी, ईसाई और इस्लाम तीनों ही धर्म के पैगंबर हजरत इब्राहीम ने कुर्बानी का जो उदाहरण दुनिया के सामने रखा था, उसे आज भी परंपरागत रूप से याद किया जाता है। आकाशवाणी हुई कि अल्लाह की रजा के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करो, तो हजरत इब्राहीम ने सोचा कि मुझे तो अपनी औलाद ही सबसे प्रिय है। उन्होंने अपने बेटे को ही कुर्बान कर दिया। उनके इस जज्बे को सलाम करते हुए यह त्यौहार मनाया जाता है।
समाज के खुज़ेमा चांदा भाई वाला ने बताया की सुबह 6.15 पर मस्जिद एवं समाजजनों ने अपने अपने घर पर ईद की नमाज अदा की तथा देश में अमन-चैन व शहर में अच्छी बारिश के लिए दुआ मांगी गई। ईद होने के कारण मजार ए नज़मी एवं हसनजी बादशाह बाबा के मजार पर जियारत के लिए लोग बड़ी तादाद में पहुंचे। शहर आमिल साहब शेख मुस्तफा भाई गोधरा वाला ने क़ादरी मस्जिद में ईद की नमाज अदा की। समाजजनों ने एक-दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से ईद की मुबारकबाद दी।
शहर आमिल एवं लोगों ने अपने-अपने घरों पर कुर्बानी की रस्म अदा की। दिनभर बोहरा बाखलों में चहल पहल का माहौल था। त्यौहार के दिन शांति व्यवस्था के लिए चिन्हित स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया था।
मुस्लिम समाज की ईद कल, ईदगाह पर नमाज की इजाजत सिर्फ पांच लोगों को
मुस्लिम समाज जन 21 जुलाई को ईद का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी ईद का त्यौहार घर पर ही मुस्लिम समाज जनों द्वारा मनाया जाएगा और आनलाइन एक दूसरे को बधाई दी जाएगी। ईदगाह पर नमाज पढऩे की इजाजत पांच लोगों को दी गई है। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि इस बाबत शांति समिति की मीटिंग में निर्णय भी हो चुका है। शेष लोग घर पर ही नमाज अता करेंगे। नगरनिगम द्वारा पर्व को ध्यान में रखते हुए इस दिन पेयजल प्रदाय किया जाएगा।