राजस्थान के श्रद्धालुओं का प्रोटोकॉल कर्मचारी से प्रवेश को लेकर विवाद

विवाद के बाद आरआई ड्यूटीरत कर्मचारियों का नाम ले गए, बटालियन कमांडेंट को प्रवेश नहीं देने के चलते आए थे

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ बढऩे के साथ ही विवाद होना भी शुरू हो गए हैं। सोमवार की दोपहर राजस्थान से आए श्रद्धालु प्रोटोकाल भस्मारती गेट से प्रवेश देने को लेकर कर्मचारी से भिड़ गए। वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उनके परिवार के दो बुजुर्ग लोगों को प्रवेश देकर मामले को शांत किया और बाकी को 250 रुपए टिकट खरीदकर प्रवेश करने की समझाइश दी। पुलिस आरआई भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने सभी प्रवेश द्वारों पर मौजूद कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों के नाम नोट कर अपने साथ ले गए।

महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार, रविवार और सोमवार को बड़ी संख्या में बाहर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को आ रहे हैं। इसी को देखते हुए विवाद न हो इसके लिए महाकाल प्रवचन हॉल की चैनल गेट पर प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने ताला लगवा दिया था। सोमवार की दोपहर एक बटालियन कमांडेंट बिना सुरक्षाकर्मी के चैनल गेट पर पहुंचे और वहां पर मौजूद कर्मचारी मनोज पाटिल से चैनल गेट खोलने को कहा। अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के चलते श्री पाटिल ने उनसे गेट खोलने में असमर्थता जताते हुए मंदिर के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने को कहा।

बटालियन कमांडेंट ने एसपी को मामले की जानकारी दी। इसके पश्चात सादे कपड़ों में तीन थाना पुलिस के जवान और आरआई घटना स्थल पर पहुंचे। इतनी देर में प्रशासक श्री सूर्यवंशी के फोन पर बटालियन कमांडेंट को महाकाल दर्शन के लिए जाने दिया गया। वापस लौटते समय कमांडेंट द्वारा श्री पाटिल के कत्र्तव्य निर्वहन की प्रशंसा की गई।

टिकट पर नहीं डाल रहे तारीख

श्री महाकालेश्वर मंदिर में 250 रुपए टिकट से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवेश कर रहे हैं। सहायक प्रशासक द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए टिकट के पीछे काउंटरकर्मियों से तारीख और समयावधि डालने को कहा गया था। लेकिन आज भी इनके द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में टिकट को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

भस्मारती गेट पर विवाद होता देखकर आरआई पहुंचे

आरआई जब वापस लौट रहे थे तो उनको प्रोटोकाल भस्मारती गेट पर विवाद होते दिखा। वहां पहुंचे तो राजस्थान के 7 श्रद्धालु यहां से प्रवेश करने को लेकर कर्मचारी अखिलेश पांडेय पर दबाव बना रहे थे। श्रद्धालुओं ने उनके साथ धक्का मुक्की भी की। उनका कहना था कि यहां से अन्य लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है तो उनको भी दिया जाए। कर्मचारियों ने समझाने की कोशिश की तो श्रद्धालु विवाद पर उतारू हो गए।

हालांकि यहां से मानवीयता को ध्यान में रखते हुए उनके साथ आईं दो बुजुर्ग महिलाओं को प्रवेश दे दिया गया। बाकी अन्य श्रद्धालुओं को 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट खरीदने की समझाइश देकर रवाना कर दिया गया। विवाद होता देखकर आरआई भी वहां पहुंचे और तैनात कर्मचारियों-पुलिस कर्मियों के नाम नोट कर ले गए।

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