कांग्रेस नेता का आरोप पूर्व विधायक के दबाव में स्टे का उल्लंघन किया और जानलेवा हमले का केस लगाया
उज्जैन, अग्निपथ। बडऩगर पर दुकान पर कब्जे को लेकर हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में कांग्रेस नेता ने टीआई मनीष मिश्रा के खिलाफ मंगलवार को कोर्ट में अवमानना का केस दायर किया है। आरोप लगाया कि दुकान पर स्टे होने के बावजूद पुलिस ने विधायक के दबाव में दुकान पर कब्जा करवाकर उसके पुत्रों को जानलेवा हमले के केस में जेल भेजा है।
बडऩगर के कांग्रेस महामंत्री मांगीलाल कछावा उर्फ आलाबाबू ने बताया कि तेजाजी चौक स्थित नवनिर्मित एक दुकान की रजिस्ट्री महेंद्र जैन के नाम की थी। नहीं पढऩे के कारण जैन ने रजिस्ट्री में दो मंजिला पर अधिकार का प्रयास किया तो कब्जा करना पड़ा। विवाद होने पर पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई ने रिश्तेदार सुरेंद्र को दुकान दिलवा दी। उसके द्वारा कब्जे का प्रयास करने पर पांच दिन पहले कोर्ट से स्टे ले लिया। बावजूद रविवार को पूर्व विधायक ने थाना प्रभारी मनीष मिश्रा की मदद से दुकान पर कब्जा कर लिया।
स्टे का हवाला देने पर थाना प्रभारी ने धमका कर मारपीट की और सुरेंद्र द्वारा खुद को घायल करने पर उनके पुत्र राम, राजेश, गोलू व बंटी को झूठी 307 लगाकर जेल भेज दिया। मामले में थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत करने के साथ ही मंगलवार को कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया है।
हमला करने पर भी पुलिस ने बचाया
थाना प्रभारी मिश्रा ने कहा धबाई के रिश्तेदार ने ऊपर तक दुकान खरीदी थी। कछावा ऊपरी हिस्सा देने से इंकार कर रहा था। नियम विरुद्ध निर्माण करने पर पूर्व विधायक ने मार्च में नगर पालिका में शिकायत की थी। नपा निर्माण नहीं तोड़े इस पर कछावा ने स्टे लिया था। कब्जे को लेकर हुए विवाद के दौरान कछावा के घर से पथराव किया। बावजूद पुलिस ने उनकी महिलाओं को बचाया। उसके पुत्रों ने सुरेंद्र धबाई पर टामी, राड़ से हमलाकर गंभीर घायल किया इसलिए केस दर्ज किया है।