परिजनों को परलोक भेजने के लिए सिद्धवट पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को इन दिनों एक नई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। यहां किस्म-किस्म के भिखारियों को हुजूम तैयार हो चुका है। सिद्धवट परिसर पहुंचते ही तमाम तरह के लोग अलग-अलग तरह से मांगते हुए श्रद्धालुओं को घेर लेते हैं। दुकानदार लड्डू-चने के पैकेट लेकर घेर लेते हैं कि राजगिर के लड्डू और चने बंदरों को खिलाने से संबंधी की आत्मा को शांति मिलेगी और परलोक मिलेगा।
महिलाओं का हुजूम भी यहां आ धमकता है, जो खुद को विधवा बताते हुए विधवाओं को भोजन का दान करने के लिए दबाव बनाती हैं। उनका भी दावा है कि विधवा को भोजन दान के बिना कर्म सफल नहीं होगा। इनके अलावा बच्चों का समूह, साधु वेशधारी भिखारी, गायों को चारा खिलाने वाले, घाटों की सफाई करने आदि कई नामों से श्रद्धालुओं से रुपए मांगे जाते हैं।
पहले तो यह लोग याचक की मुद्रा में रुपए मांगते हैं, लेकिन जब इन्हें अपनी मुराद पूरी होती नजर नहीं आती तो ये दादागिरी, अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं शाप भी देने लगते हैं। इस महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पर रोज सेकड़ों की संख्या में स्थानीय व बाहरी श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर यहां एक कांस्टेबल भी नजर नहीं आया। ऐसे में असहाय यात्री इन लोगों के चंगुल में घिरे वेवश नजर आते हैं।