उज्जैन। किसानों को आने वाली समस्याओं दूर करने हेतु किसान मंच के प्रतिनिधि मंडल ने 22 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा की। बैठक में नामांतरण, फौती, नामांतरण, नाबालिग से बालिका नामांतरण, बटवारा, इंद्राज दुरूस्ती, खेतों के रास्ते, सहकारिता विभाग, विद्युत विभाग,पशुपालन, दुध एवं डेयरी विभागए किसान कल्याण तथा कृषि विभाग में आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इन सभी समस्याओं के निराकरण हेतु उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा कर किसानों को हरसंभव राहत प्रदान की जाएगी।
किसान मंच के प्रदेश प्रवक्ता भारतसिंह बैस ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष किसान मंच ने किसानों की ओर से मांग रखी थी। बैठक में महेश चौधरी क्षेत्रीय संगठन मंत्री, रामभरोस बसोतिया प्रदेश अध्यक्ष, राजेंद्र परिवार प्रदेश महामंत्री, नमो नारायण दीक्षित प्रदेश उपाध्यक्ष, रामप्रसाद सूर्या प्रदेश उपाध्यक्ष, कैलाश सिंह ठाकुर मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष, कमल सिंह मालवा प्रांत अध्यक्ष,चंद्रकांत महामंत्री मध्य भारत, नारायण यादव मालवा प्रांत महामंत्री, मनीष मध्य भारत संगठन मंत्री, भरत महाकोशल संगठन मंत्री, गजराज सिंह प्रांत उपाध्यक्ष महाकौशल,रमेश प्रांत मंत्री महाकौशल, दयाराम पाटीदार मालवा प्रांत उपाध्यक्ष मौजूद रहे। इस दौरान कहा गया कि आरआई एवं पटवारियों को गृह तहसील में पदस्थ नहीं किया जाए।
भारतसिंह बैस ने बताया कि मुख्यमंत्री से मांग की गई कि सहकारी संस्थाओं के समस्त कार्य व्यवहार कम्प्यूटरीकृत किया जाए। ओवरलोड ट्रांसफार्मरों को आवश्यकतानुसार क्षमता बढ़ाकर अंडरलोड किया जाए। अच्छी नस्ल के देसी नंदी गौशाला एवं पंचायतों में उपलब्ध कराये जाए। दूध के विक्रय मूल्य का 80 प्रतिशत किसान को मिलना चाहिए।