भोलेनाथ का पवित्र महीना सावन आने में दो दिन शेष हैं। रविवार से सावन का महीना शुरू हो जाएगा। पूरे महीने शिव मंदिरों में विशेष पूजन-अर्चन का दौर चलेगा। सुबह से ही भोले को जल और बिल्वपत्र चढ़ाने से लेकर रात तक तरह-तरह के धार्मिक आयोजन होंगे।
उज्जैन भोले की नगरी है। यहां कदम-कदम पर शिवालय स्थित है। सावन का महीना कोरोना काल के पहले एक अलग धार्मिक मय माहौल में मनाया जाता था। लेकिन पिछले साल से कोरोना के कारण सबकुछ सिमट गया। प्रशासन अब सावन के पहले शिव मंदिरों में होने वाली तैयारियां भी भुला बैठा है।
सावन आने के पहले 84 महादेव और खासकर प्राचीन शिव मंदिरों का रंगरोगन, प्रकाश व्यवस्था, साफ-सफाई और पहुंच मार्ग की व्यवस्थाएं दुरुस्त करवाता था। लेकिन अब सिर्फ महाकाल और रामघाट के आसपास की व्यवस्थाओं पर ही प्रशासन का ध्यान हैं। शेष शिव मंदिर वीरान हैं और अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। सावन में महाकाल मंदिर, महाकाल की सवारी और रामघाट क्षेत्र में सफाई के अलावा और अन्य कार्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं में नजर नहीं आ रहे हैं। इस साल ऐसे भी कोरोना का प्रकोप अभी लगभग समाप्त है, ऐसे में हर मंदिर पर श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंचेगे, लेकिन अव्यवस्थाओं की बाधाएं उन्हें तकलीफ पहुंचाएगी।