उज्जैन। श्री महावीर तपोभूमि में चतुर्मास कलश स्थापना प्रज्ञासागरजी मुनि की उपस्थिति में हुई। इस दौरान संघस्थ क्षुल्लक 105 श्री पूज्यसागर महाराज संघ की कलश स्थापना भी हुई। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री विधायक पारस जैन एवं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अखिलेश पंड्ेय पहुंचे।
सर्वप्रथम कलश यात्रा, सामग्री शुद्धि, कलशार्चन, बाहर से आए अतिथियों का स्वागत, विनयांजलि, मुनि श्री के प्रवचन हुए। शाम 6 बजे वात्सल्य भोज,शाम 7 बजे कलश स्थापना पश्चात् गुरुभक्ति की आनंद यात्रा, महावीर भगवान एवं गुरुदेव की आरती संपन्न हुई। कलश स्थापना कार्यक्रम के पूर्व गुरु पूर्णिमा पर त्योहार महोत्सव के रूप में मनाया।
सभी को दान और धर्म करना चाहिए : प्रज्ञा सागर
मुनि श्री प्रज्ञा सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि चतुर्मास में नियमित रूप से सभी को धर्म करना चाहिए दान करना चाहिए और अपने कर्मों की निर्झरा करना चाहिए। कुलपति अखिलेश पंड्या जी के लिए गुरुदेव ने कहा कि मैं धर्मगुरु हूं धर्म की राह पर चलना सिखाता हूं तो विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति शिक्षा के गुरु हैं शिक्षा देकर इन संसार के सैकड़ों बच्चों को हजारों बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान कराते हैं। इस संसार में जीना सिखाते है जीने की नई राह दिखाते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर सर्वप्रथम गुरुदेव के पाद प्रक्षालन एवं सर्वप्रथम शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य नवीन जैन गाजियाबाद एवं आरती करने का सौभाग्य अशोक जैन चायवाला को प्राप्त हुआ। चतुर्मास के प्रथम गुरु कलश स्थापना का सर्वप्रथम सौभाग्य दिनेश जैन सुपर फार्मा परिवार, द्वितीय ज्ञान कलश राजेंद्र लुहाडिया परिवार, तृतीय तपोभूमि कलश कमल मोदी को एवं चतुर्थ गुरुदेव जन्मजयंती कलश राजेंद्र कैलाश चंद्र बिलाला चाकसू राजस्थान को प्राप्त हुआ।
कोषाध्यक्ष इंदर मल जैन, उपाध्यक्ष विमल जैन, धर्मचंद पाटनी,सह कोषाध्यक्ष अतुल सोगानी ,प्रज्ञा कला मंच के सारिका जैन, सलोचना सेठी, अंजू ओम जैन ,नीलू संजय बडज़ात्या, रश्मि कासलीवाल, विनी बुखारिया,मंजू जैन आदि मौजूद थे।