आज साधारण सभा में मंडी से से फरार व्यापारी को एनओसी देने और 11 लाख 38 हजार रुपए के हिसाब का मामला उठेगा
उज्जैन। अनाज तिलहन संघ की साधारण सभा आज होगी। इसमें मौजूदा समिति द्वारा 40 से पचास लाख रुपए किए गए खर्च का मामला उठेगा। इसमें एक मामला फरार व्यापारी को एनओसी देने से संस्था को हुए नुकसान और दूसरा मामला 11 लाख से ज्यादा खर्च का हिसाब अब तक नहीं दिए जाने के साथ ही कई मुद्दों पर हंगामा होने की संभावना है।
बताया जाता है कि सदस्य खर्च और उसके हिसाब में गड़बड़ी किए जाने के आरोप पर मौजूदा अध्यक्ष और सदस्यों से सफाई मांगेंगे। साधारण सभा में ही तय होगा कि चुनाव होगा या पदाधिकारियों का चयन आम सहमति से होगा। हालांकि दूसरे गुट के सदस्यों के सहमत नहीं होने से ज्यादा संभावना चुनाव की है। इस मामले में पूर्व अध्यक्ष मुकेश हरभजनाका का कहना है कि साधारण सभा में संस्था का आय-व्यय का हिसाब किताब दिया जाएगा। एजीएम में वरिष्ठ सदस्यों के मार्गदर्शन में आने वाले चुनाव को लेकर फैसला किया जाएगा। तीन चार लोगों से संपर्क किया गया है। उनमें से जिसे भी साधारण सभा के सदस्य चुनाव अधिकारी के रूप में स्वीकृति देंगे। उसे चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिया जाएगा। वहीं मंडी के प्रमुख व्यापारी हजारीलाल मालवीय कह चुके हैं कि वे चुनाव कराने के समर्थक हैं। उनके साथ ही अन्य व्यापारी भी चुनाव कराना चाहते हैं। ताकि नई कार्यकारिणी में अच्छे व्यापारी पदाधिकारी बनकर आए और संस्था के नाम के अनुरूप काम करें। चुनाव कराने से निष्पक्षता रहती है और भाई भतीजावाद नहीं हो पाता है। हर व्यापारी के पास सदस्य चुनने का अधिकार होता है। चुनाव के समय उसकी पूछ परख भी होती है। आम सहमति में यह सब नहीं हो पाता है। उनका कहना है कि पूर्व पदाधिकारियों ने 11 लाख 38 हजार का हिसाब नहीं दिया गया है। अब साधारण सभा में उन्हें इसका भी हिसाब देना पड़ेगा। अनाज तिलहन संघ में अभी 430 से ज्यादा व्यापारी सदस्य हैं। करीब 50 से ज्यादा नए सदस्यों के आवेदन आए हैं।
शह और मात का खेल चलेगा
साधारण सभा को लेकर वर्तमान पदाधिकारी और विरोधी गुट एक महीने से रणनीति बना रहा है। दोनों के अपने -अपने एजेंडे है। रविवार की रात तक सभी गुटों ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया है। ताकि साधारण सभा में उठने वाले सभी सवालों के जबाव दिए जा सकें। वहीं विरोधी गुट ऐसे मुद्दों पर होमवर्क करने में जुटा हुआ था जिसका जवाब मौजूदा पदाधिकारी ने दे पाए और वे कटघरे में खड़े हो गाएं। चुनाव से ऐन पहले होने वाली साधारण सभा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी के आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा। इसलिए दोनों पक्ष किसी भी कीमत पर अपना पक्ष कमजोर नहीं दिखाना चाहता है।
कृषि मंत्री के नाम पर लाखों का खर्च, मंत्री आए ही नहीं
वर्तमान कार्यकारिणी के कई कारनामों को लेकर सदस्य घेरने वाले हैं। इसमें कृषि मंत्री के स्वागत के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने का मामला सामने आया है। जबकि मंत्री मंडी में आए ही नहीं। इसके साथ ही ऑडिट रिपोर्ट अपने हिसाब से बनाने के लिए सीए बदलना का मामला भी उठने की संभावना है। पुराने सीए को बैगर सदस्यों की सहमति के बदलने जाने को लेकर सदस्यों में नाराजगी है। नए सीए की ऑडिट रिपोर्ट में कई खामियां हैं।