कोरोना दूसरी लहर: वायरल समझ कर जांच में देरी, संक्रमित पाए जाने पर ठीक होने में भी लग रहा वक्त

भोपाल। कोरोना मरीजों की संख्या में आई तेजी के साथ ही ये बात भी चिंता बढ़ाने वाली है कि अब जितने कोरोना मरीज मिल रहे हैं। इनमें ऐसे मरीजों की तादाद ज्यादा है जिनमें लक्षण और संक्रमण मिल रहा है। हालात ऐसे हैं कि सिम्टमैटिक मरीजों का प्रतिशत 30 से 40 तक है। यह नवंबर के पहले सप्ताह तक महज 10 से 20 प्रतिशत तक ही था।

गांधी मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. लाेकेन्द्र दवे की मानें तो पहले लोग बुखार आने या किसी और तरह की परेशानी होने पर तत्काल जांच करा रहे थे। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में सर्दी बढ़ने के बाद से लोग जांच कराने में ज्यादा समय ले रहे हैं। मौसम का असर समझकर या तो अनदेखा कर रहे हैं और अपने स्तर पर ही दवाएं ले रहे हैं। यही वजह है कि जब तक मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं उनमें संक्रमण फैल चुका होता है। 2-3 दिन बाद तबियत नहीं सुधरने पर मरीज कोरोना जांच कराने पहुंचता है। पॉजिटिव आने पर अस्पताल पहुंचते हैं। इस देरी से ही मरीजोें को ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है।

… क्योंकि कोरोना घड़ी नहीं पहनता, उसके फैलने के लिए 4 दिन काफी हैं

  • पहला दिन- बुखार, सर्दी, जुकाम और खांसी हुई, तो वायरल समझकर खुद ही दवा ले ली।
  • दूसरा दिन- दवा लेने से बुखार तो उतरा, लेकिन कुछ ही घंटाें बाद दोबारा आ गया। फिर किसी डॉक्टर की सलाह पर दवाई ले ली।
  • तीसरा दिन-फिर से बुखार आया, तबीयत में सुधार नहीं। अब कोरोना की आशंका बढ़ी तो जांच कराने का मन किया
  • चाैथा दिन– कोराेना का सैंपल दिया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अस्पताल पहुंचे तब तक लक्षण साफ नजर आने लगे, लेकिन तब तक संक्रमण फैल गया।

होम आइसोलेशन में भी बढ़े सिम्टमैटिक मरीज
कोविड कॉल सेंटर प्रभारी डॉ. संगीता टांक ने बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह तक होम आइसोलेशन में 18 से 20 प्रतिशत मरीज ही सिम्टमैटिक होते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 40 से 45 प्रतिशत हो गई है। इनमें भी अधिकांश मरीज बुखार, सर्दी, जुकाम और खांसी के हैं। यही वजह है कि होम आइसोलेशन से हॉस्पिटल शिफ्ट होने वाले मरीजों की रोज की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले जहां औसतन 24 मरीज शिफ्ट किए जा रहे थे, वहीं अब इनकी संख्या 48 से ज्यादा हो गई है।

24 घंटे में- इलाज शुरू हो तो जल्दी होगी रिकवरी
कोरोना वायरस का संक्रमण लगने के बाद मरीज का इलाज जितनी जल्दी शुरू होगा उसकी रिकवरी उतनी ही तेज होगी। इसके लिए जरूरी है कि बुखार आने के 24 घंटे के भीतर कोरोना की जांच कराएं। रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो तुरंत इलाज शुरू किया जाए।

56 मरीज, 20 नवंबर को होम आइसोलेशन से अस्पताल शिफ्ट

मास्क तो लगा लो…500 लोगों के बनाए चालान
नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमों ने शुक्रवार को मास्क न पहनने वाले करीब 500 लोगों के चालान बनाए। चालान बनाते समय कई लोग अमले से बहस करते नजर आए। कुछ जगहों पर प्रशासन की टीमों ने लोगों से हाथ जोड़कर मास्क पहनने का अनुरोध भी किया।

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