मंत्री मोहन यादव व भूपेंद्रसिंह के नाम पर उगाही; निजी सचिव बताकर ट्रांसफर का झांसा दिया, खाते में रुपए जमा कराए

दस्तावेज भेजने के लिए दिए वॉट्सऐप नंबर से पकड़ाया

उज्जैन/भोपाल। मंत्रियों के नाम पर उगाही करने का मामला सामने आया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निजी सचिव विजय बुदवानी ने साइबर क्राइम में शिकायत की थी। भोपाल पुलिस ने आरोपी शैलेंद्र पटेल (35) को गिरफ्तार कर लिया है। उसने दस्तावेज बुलवाने के लिए फोटो कॉपी वाले का वॉटसऐप नंबर दे रखा था। इसी आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी शैलेंद्र पटेल

वह ट्रांसफर और पोस्टिंग कराने के लिए अफसरों-कर्मचारियों से रिश्वत लेता था। काम नहीं होने पर एक कर्मचारी ने मंत्री के ऑफिस में संपर्क किया, तो मामले का खुलासा हुआ। आरोपी ने खुद को उच्च शिक्षा मंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री का निज सचिव बताया था।

आरोपी ने एक महिला प्रोफेसर से ट्रांसफर के नाम पर 75 हजार रुपए ले लिए। वह नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम पर पाटन, जबलपुर और शाजापुर के सीएमओ से भी ट्रांसफर कराने के नाम पर रुपए ले चुका है। भोपाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निजी सचिव विजय बुदवानी हैं। उन्होंने साइबर क्राइम भोपाल में धोखाधड़ी की शिकायत की। उन्होंने बताया, महिला प्रोफेसर ने उन्हें फोन कर ट्रांसफर होने के बारे में पूछा। उन्होंने बताया, शैलेंद्र नाम के युवक ने उनसे संपर्क कर ट्रांसफर किए जाने के लिए 6 दिन पहले 75 हजार रुपए लिए थे।

आरोपी ने बताया था, वह उच्च शिक्षा मंत्री का निजी सचिव है, इसलिए उन्होंने उसे रुपए दे दिए थे, लेकिन काम नहीं हुआ। उन्होंने ऑफिस में फोन किया। इसके बाद ही पता चल सका।

तीन सीएमओ से भी रुपए लिए

मयंक वर्मा नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के निज सचिव हैं। उन्होंने पुलिस को बताया, उन्हें कुछ अधिकारियों ने फोन कर ट्रांसफर के बारे में पूछा। पाटन, जबलपुर और शाजापुर के सीएमओ से ट्रांसफर करने के नाम पर रुपए लिए। उनसे अब तक वह एक लाख रुपए से ज्यादा ले चुका है। इसके बाद साइबर क्राइम ने फोन धारक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

मंत्रियों के नाम पर अफसरों को कॉल

मूलत: जबलपुर का रहने वाले आरोपी का नाम शैलेंद्र पटेल है। वह वर्तमान में भोपाल के साकेत नगर में रहता है। वह इसी तरह मंत्रियों के नाम पर धोखाधड़ी करता है। इससे पहले वह गिरफ्तार हो चुका है। उसने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के निजी सचिव बनकर महिला अधिकारी से ट्रांसफर कराने के लिए रुपए लिए थे।

लैंडलाइन से करता था फोन

पूछताछ में पता चला कि आरोपी लैंडलाइन से अधिकारियों को फोन करता था। इसके बाद न्यू मार्केट में एक फोटो कॉपी वाले का वाट्सऐप नंबर देता था। इसी नंबर पर वह उनसे कागजात मंगवाता था। वहीं से वह फोटोकॉपी वाले दुकानदार से वाट्सऐप पर आए कागजों की फोटोकॉपी निकलवा लेता था। पुलिस ने इसी आधार पर आरोपी को पकड़ा। पूछताछ में आरोपी शैलेंद्र ने बताया कि वह विभाग के बारे में पता कर लेता है। इसके बाद ऐसे ही फोन लगाता है, जो उसकी बातों में आ जाता था, उससे कागजात ले लेता था। कागजात लेने के बाद उसने डिमांड करता था।

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