उज्जैन, अग्निपथ। नकली नोट मामले में गिरफ्तार किया गया दूसरा आरोपी घर में 3 सालों से नोट छापने का काम कर रहा था। सोमवार को पुलिस उसे पीथमपुर लेकर गई है। उधारी के बदले नकली नोट देने वाले को 4 दिन पहले जेल भेजा जा चुका है।
चिमनगंज थाने के एसआई यादवेंद्र परिहार ने बताया कि नकली नोट के मामले में गिरफ्तार किये गये पीथमपुर के आरोपी लखन भाटी को न्यायालय में पेश कर 2 दिन की रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में उसने कबूल किया कि 3 सालों से घर में ही प्रिंटर की मदद से नोट छाप रहा था।
सोमवार को एक टीम उसे पीथमपुर लेकर रवाना हुई है। जहां से प्रिंटर बरामद किया जाएगा। संभावना है कि कुछ नकली नोट और बरामद हो सकते हैं। गिरफ्तारी के बाद आरोपी बरगलाने का काम कर रहा था। वह मंदसौर से नोट लाना बता रहा था, लेकिन किसी का पता नहीं बता पा रहा था। सख्ती करने पर उसने खुद की नोट छापना बताया।
एसआई परिहार का कहना था कि इस बात का पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने नकली नोट छाप चुका है और कहां चलाये हैं। मंगलवार को रिमांड खत्म होने पर न्यायालय में पेश कर एक बार फिर रिमांड मांगा जा सकता है।
19 हजार के नोट बरामद
एसआई के अनुसार 21 जुलाई को नकली नोट का मामला सामने आने के बाद विष्णुपुरा के रहने वाले बृजेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। जिसके पास से 19 हजार के नोट बरामद हुए थे। जिसमें दो हजार के नौ और पांच सौ के दो नोट थे। उसने पीथमपुर के लखन से लाने की बात कही थी। मामले धारा 420, 489 ए, 489 बी, 489 सी, 506 में केस दर्ज कर 22 जुलाई को उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा चुका है।
उधारी के बदले दिये थे नोट
विदित हो कि विराटनगर में रहने वाले फर्नीचर व्यवसाई सुरेश पाल ने बृजेश शर्मा को 6 माह पहले 60 हजार रुपये उधार दिये थे। वापस मांगने पर बृजेश ने किश्त में पैसे लौटने की बात कहीं और 9 जुलाई को बीमा अस्पताल चौराहा पर साढ़े चार हजार की पहली किश्त नकली नोट के रूप में दी। सुरेश को नोट एक ही न बर के दिखे तो उसने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी।