जियो कंपनी का टैक्निशियन पहुंचा थाने, पुलिस जांच में जुटी
उज्जैन, अग्निपथ। जियो कंपनी के टैक्निशियन ने फ्रीगंज स्थित यस बैंक में खाता नहीं खुलवाया,लेकिन उनके नाम से करंट अकाउंट खोलकर 1.86 लाख रुपए भी जमा हो गए। खास बात यह है कि युवक की बिना जानकारी ाुले खाते को गुजरात पुलिस ने केस दर्ज का हवाला देते हुए सीज करवा दिया। मामले में पीडि़त ने एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल से शिकायत की है।
सतना स्थित उचेहरा तहसील के ग्राम सहिजना उबारी निवासी अभिषेक पिता अरुणसिंह जियो कंपनी के इंदौर शाखा में टैक्निशियन है। उन्हें 21 जुलाई को यस बैंक का नोटिस मिला कि उनका खाता 038178500000312 सीज किया गया है। वजह अहमदाबाद के वस्त्रपुर थाने में कोई केस दर्ज के कारण पुलिस का आदेश बताया गया। इस पर अभिषेक बैंक पहुंचे। मालूम पड़ा कि 21 मार्च को उनके नाम से ऑनलाइन करंट अकाउंट खुला है और फिलहाल खाते में 1.86868 रुपए जमा है,जिसे सीज किया गया है।
जानकारी पर अभिषेक ने बैंक, साइबर सेल,थाने और एसपी को आवेदन दिया। मंगलवार को उनके बड़े भाई माधवनगर थाने पहुंचे और फर्जी तरीके से खोले गए खाते की जांच की मांग की। मामले में टीआई मनीष लोधा ने एसआई महेंद्र मकाश्रे को जांच के आदेश दिए है।
जम्मू में भी केस, खाता हाईरिस्क पर
बताया जाता अकाउंट को लेकर जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी शिकायत की है। वहां भी इस मामले में जांच चल रही है। मामला क्या है यह बैंक, पुलिस और अभिषेक को नहीं पता। लेकिन बैंक विशेषज्ञों के अनुसार किसी खाते में बड़े ट्रांजेक्शन होने या पुलिस द्वारा सीज के आदेश पर खाते को हाईरिस्क मानते है। यह खाता भी हाईरिस्क में है। अभिषेक ने कहा उसने किसी को आधार कार्ड नहीं दिया। खाते में मोबाइल नंबर ाी उसका नहीं है और फोटो भी बचपन का लगा है।
बिना ओटीपी संभव नहीं
बैंकिंग विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना कॉल में रिर्जव बैंक के आदेश पर ऑन लाइन खाता खुलना शुरू हुए। इसके चलते इच्छुक को यस बैंक की साइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने पर नेशनल ऑपरेटिंग सेंटर मुंबई से वाट्सअप कॉल आता है। इसी कॉल पर आधार, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर देना पड़ता है। आधार से फोटो केप्चर कर उसके दिए ओटीपी और ब्रांच बताने पर खाता खुलता है हालांकि कई बैंकों में ऑन लाइन फर्जी खाते खुलने के मामले सामने आए हैं।