फुटेज जांचना चाहे तो बंद मिले कैमरे

आयुक्त ने आईटी सेल प्रभारी को जारी किया नोटिस

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के मुख्यालय में 2019 में लगाए गए कई कैमरे बंद मिले हैं। ये हालात तब हैं जबकि नगर निगम हर साल एक निजी फर्म को कैमरों का मेंटेनेंस करने के एवज में 50 हजार रुपए का भुगतान करती है।
नगर निगम में अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ और ठेकेदारों के बीच जारी रस्साकशी के बीच नगर निगम के ठेकेदारों ने जांच करने वाले अधिकारी अपर आयुक्त आर.पी. मिश्रा पर भी कई तरह के आरोप लगाए हैं।

ठेकेदारों ने आयुक्त से शिकायत की है कि जांच अवधि के दौरान गणेश धाकड़ कई बार अपर आयुक्त मिश्रा से मिलने उनके केबिन में गए। इस तथ्य की जांच के लिए नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने नगर निगम परिसर में लगे क्लोज सर्किट कैमरों के फुटेज मंगवाए। पता चला कि परिसर के कैमरे ही बंद हैं। इसके बाद नगर निगम आयुक्त ने आईटी सेल के प्रभारी सरदार सिंह सोलंकी को नोटिस जारी किया।

नोटिस में खुद आयुक्त ने ही उल्लेख किया है कि नगर निगम के ही कतिपय कर्मचारी कैमरों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, लिहाजा मामले की जांच कर रिपोर्ट दी जाए। हालांकि जांच में ऐसा कुछ नहीं निकला। कई कैमरे बंद जरूर मिले लेकिन इनके साथ छेड़छाड़ जैसी कोई बात सामने नहीं आई। नगर निगम परिसर में उज्जैन की ही डी.बी. ट्रेंड कंपनी द्वारा 2019 में 160 कैमरे लगाए गए थे। एक साल तक कंपनी ने इनका मुफ्त मेंटेनेंस किया। दूसरे साल यानि 2020 के लिए इस कंपनी को कैमरों का मेंटनेंस करने के एवज में 50 हजार रुपए का भुगतान किया गया था।

इनका कहना है

कुछ कैमरे बारिश की वजह से बंद हुए थे, इन्हें दुरुस्त करवा लिया गया है। छेड़छाड़ जैसा कुछ नहीं निकला। – सरदार सिंह सोलंकी, प्रभारी आईटी सेल नगर निगम

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