पुलिस चौकी के आसपास ढाबों में मिल रही शराब

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सहायक आबकारी अधिकारी को कलेक्टर के नोटिस के बाद भी कार्रवाई नहीं

जावरा/रतलाम। पुलिस थाना, जावरा, कालूखेड़ा, रिंगनोद, पिपलौदा बड़ावदा और पुलिस चौकी हाटपिपलिया के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में आबकारी विभाग की मिलीभगत और पुलिस प्रशासन की अनदेखी की वजह से इन दिनों अवैध शराब विक्रय का कारोबार खासा फल-फूल रहा है। जगह-जगह खुलेआम बिक रही शराब देखकर तो यही लगता है कि आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदार को अवैध तरीके से शराब विक्रय करवाने की खुली छूट दे रखी है।

आबकारी विभाग की मिलीभगत और पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में शराब माफियाओं का आतंक है। कुछ दिनों पूर्व ही ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री के मामले में रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सहायक जिला आबकारी अधिकारी आरसी बारोड़ को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद भी अवैध शराब माफियाओं पर कार्यवाही नहीं होना तो यही दर्शाता है कि इन जिम्मेदारों और शराब माफियाओं के बीच में तगड़ी सेटिंग है।

पुलिस चौकी हाटपिपलिया के आसपास तो कई ढाबों पर भी अवैध शराब परोसी जा रही है। लेकिन अवैध कमाई की वजह से प्रभावी कार्यवाही करने कि हिम्मत जिम्मेदार नहीं कर पा रहे है। यहां तक कि इन शराब माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने वालों को ही परेशान किया जाता है। हाल ही में मंदसौर जिले में जहरीली शराब से हुई 6 मौतों को लेकर सरकार एक्शन में है।

कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अवैध शराब के उत्पादन और व्यापार पर नियंत्रण के उपायों पर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है। प्रदेश में राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल का उपयोग अवैध शराब के व्यवसाय को रोकने के लिए करने के संबंध में भी बैठक में विचार विमर्श हुआ। बैठक में ग्राम खकरई में हुई घटना के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी ली गई। इसमें बताया गया कि थाना प्रभारी पिपल्या मण्डी, कार्यवाहक उप निरीक्षक और आबकारी उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

जांच के लिए एसआईटी का किया गठन

जहरीली शराब कांड की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजोरा को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। 03 सदस्यों की इस टीम में 02 आईपीएस अफसरों को भी शामिल किया गया है।

जहरीली शराब से मौत हत्या से कम नहीं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जहरीली शराब से मौत हत्या से कम नहीं है। जहरीली शराब बनाने और बेचने को संगीन अपराध की श्रेणी में रखा जाए और कठोरतम दंड की व्यवस्था की जाए। इस संबंध में कानून में आवश्यक संशोधन किए जाए। संपूर्ण प्रदेश में अवैध मदिरा के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से अभियान आरंभ किया जाए। मंदसौर के ग्राम खकरई में हुई घटना के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाए।

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