जावरा। बिजली की अघोषित कटौती जो कि गांव के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है तो वहीं बिजली विभाग की लापरवाही भी किसी खतरे से कम नहीं है। रिहायशी इलाकों में बिजली के टूटे खंभे पर झूलती सर्विस लाइन मौत को तो दावत दे ही रही है साथ ही वहां के आस पास के रहवासियों के लिए भय का माहौल भी बना हुआ है।
दरअसल गांव नवेली में बिजली के कई ख़म्बे पिछले दो साल से टूटे पड़े हं।ै जो बिजली की केबलों के सहारे टिके हुए है। यदि चलती लाइन में पोल टूट कर नीचे गिरा तो बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिऩ लापरवाह विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। विभाग की घोर लापरवाही देख के ऐसा प्रतीत होता है कि कोई बड़ी घटना घटने का इंतज़ार कर रहे है।
स्थानीय लोगों ने विद्युत विभाग में शिकायत की थी। लेकिन इसके बावजूद भी संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। इस संबंध में जिम्मेदार विभाग के अधिकारी से चर्चा करने की कोशिश की गई लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।
कैसा किया मानसून पूर्व मेन्टेनेंस
वहीं बिजली कंपनी मानसून पूर्व मेन्टेनेंस के नाम पर गर्मी के दिनों में ही विद्युत कटौती करती है लेकिन काम होता भी है या नहीं कोई नहीं जानता। तहसील मुख्यालय से 21 किलोमीटर दूर ग्राम लोद में ग्रिड के पास बबूल के पेड़ को देखकर तो यही लगता है कि सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। खेत किनारे स्थित बबूल के पेड़ के पास से 30 केवी लाइन निकल रहे है। सर्विस लाइन के वायर हवा से बबूल के पेड़ से टकराते रहते है जिसके कारण जोरदार चिंगारियां निकलती है।
वर्तमान में बारिश का मौसम चल रहा है। जिसके कारण पेड़ बिजली के तार से टकराने पर करंट भी फेल सकता है। जिसकी शिकायत कई बार विद्युत विभाग के अधिकारियों से ग्रामीणों ने की किन्तु समस्या का निराकरण नहीं हुआ है। आखिर क्यों गंभीर मामला होने के बावजूद भी विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। जिससे तो यही लगता है कि विद्युत विभाग के अधिकारी को किसी हादसे का इंतजार है।