भोपाल। अस्पतालों में इलाज में लापरवाही के किस्से आपने सुने होंगे। अब एम्स में भी गंभीर लारवाही बरतने का मामला सामने आया है। एक महिला के पेट में नवजात की मौत होने पर परिजनों ने उसे गर्भपात के लिए एम्स में भर्ती कराया था। एम्स के डॉक्टरों ने गर्भपात कराया, लेकिन आधा भ्रूण पेट में ही छोड़ दिया।
इसका खुलासा पेट में दोबारा दर्द होने पर तब हुआ, जब महिला को परिजन दोबारा एम्स लेकर पहुंचे। ऐसे में महिला को फिर एम्स में भर्ती कर गर्भपात कराया गया। दरअसल, बरखेड़ा पठानी निवासी लक्ष्मी यादव (29) को साढ़े तीन महीने का गर्भ था। पेट में दर्द हुआ तो 13 जुलाई को उन्होंने डॉक्टर को दिखाया। सोनोग्राफी में पता चला कि बच्चा पेट में खत्म हो गया है। ऐसे में डॉक्टर ने गर्भपात करने की जरूरत बताई।
16 जुलाई को कर दी थी छुट्टी, 21 को फिर पहुंचे
लक्ष्मी के परिजनों ने बताया कि एम्स बड़ा अस्पताल है। दूसरों के मुकाबले यहां अच्छा इलाज होगा, ये साेचकर 13 जुलाई की रात यहां भर्ती किया था। डॉक्टरों ने गर्भपात कराकर 16 जुलाई को छुट्टी दी गई थी। लक्ष्मी को पेट में लगातार दर्द हो रहा था। 21 जुलाई को इतना ज्यादा दर्द हुआ कि लक्ष्मी को दोबारा एम्स लेकर पहुंचे।
गलती मानकर माफी मांगी, फिर दोबारा किया इलाज
लक्ष्मी के ससुर प्रेम यादव ने बताया कि दोबारा भर्ती किया तो वहां फिर से सोनोग्राफी कराई। इसमें पता चला कि पेट में भ्रूण बचा हुआ है। डॉक्टरों ने गलती मानते हुए माफी भी मांगी। दोबारा गर्भपात कराया और 27 जुलाई को छुट्टी कर दी। ससुर ने कहा कि एक बार में होने वाली डीएनसी के लिए बहू को दोबारा कष्ट सहना पड़ा। हम इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में करेंगे। इधर, मामले में एम्स अधीक्षक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि अब तक मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर किसी मरीज को परेशानी हुई है तो उन्हें लिखित शिकायत करनी चाहिए।