एक लाइन सुधारी दूसरी फिर फूट गई

शुक्रवार सुबह पूरे शहर में एक साथ होगा पानी सप्लाय

उज्जैन, अग्निपथ। रामघाट के नजदीक गंभीर लाइन में हुए लीकेज को पूरी तरह दुरुस्त कर लिया गया है। एक जगह से लाइन ठीक की और इसके नजदीक ही फिर से दूसरी लाइन में लीकेज हो गया। हजारों गैलन पानी व्यर्थ बह गया। हालांकि पीएचई कर्मचारियों ने समय रहते इस लाइन को भी दुरूस्त कर लिया है। शुक्रवार सुबह पूरे शहर में एक साथ जलप्रदाय हो सकेगा।

रामघाट के नजदीक शनिवार सुबह 750 मिलीमीटर(30 इंच) की मेन सप्लाय लाइन में लीकेज आ गया था। लगातार 6 दिन तक इसे सुधारने का काम चला। गुरुवार सुबह इस लाइन के डेमेज पाइप को ही बदल दिया गया। इसके बाद पुराने शहर की पानी की टंकियों को गंभीर लाइन से भरने का काम पूरा किया गया।

छोटे पुल के पास हुए लीकेज को सुधारने के तत्काल बाद चक्रतीर्थ के पास 400 मिली मीटर (16 इंच) की एक और लाइन में लीकेज हो गया। काफी देर तक यहां पानी व्यर्थ बहता रहा। इस लाइन के लीकेज होने के कारण वृंदावनपुरा की पानी की टंकी को भरने में दिक्कते आई। गुरुवार शाम तक इस लीकेज को भी सुधारकर टंकी को भरने का काम शुरू कर दिया गया था।

संयोग या साजिश?

एक लीकेज दुरुस्त करने में 6 दिन का वक्त, 6 दिन शहर के एक बड़े हिस्से में लोग पानी को तरसते रहे। जैसे-तैसे एक लीकेज ठीक हुआ, दूसरी जगह से लाइन फूट गई। ये महज संयोग है या साजिश..? पीएचई के अमले में इसको लेकर खासी चर्चा है। दरअसल, वर्तमान दौर में पीएचई के अधिकांश अधिकारी कार्यपालन यंत्री आर.के. खंडेलवाल की कार्यप्रणाली के कारण नाराज चल रहे है। यहीं वजह है कि पीएचई में संयोग या साजिश जैसी चर्चाएं चल पड़ी है।

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