आज चुनाव कराने के लिए अनुमति के लिए व्यापारी कलेक्टर से मिलेंगे, चुनाव अधिकारी ने दिया था सुझाव
उज्जैन। अनाज तिलहन संघ के चुनाव की अनुमति के लिए आज कलेक्टर से व्यापारी मिलेंगे। उन्हें पत्र देकर चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी। निवृत्तमान अध्यक्ष मुकेश हरभजनका ने बताया कि सोमवार को व्यापारी कलेक्टर से अनुमति लेने के लिए मिलने गए थे। महाकाल सवारी में व्यस्त होने की वजह से कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात नहीं हो पाई। मंगलवार 11 बजे कलेक्टर ने मिलने का समय दिया है। उन्हें पत्र देकर चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।
हरभजनका कहना है कि पांच सौ व्यापारी कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए नौ घंटे में चुनाव करा लेंगे। इस तथ्य से कलेक्टर सिंह को अवगत कराया जाएगा। अगर कलेक्टर चुनाव कराने की अनुमति देंगे तो आगे की प्रक्रिया का बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो महीने से ज्यादा समय से मंडी में नीलामी की जा रही है। इस दौरान संभाग भर से आने वाले किसानों के साथ व्यापारी खरीद कर रहे हैं। कोरोना गाइड लाइन का पालन सभी के द्वारा किया जा रहा है।
पूर्व सचिव की फर्म का लाइसेंस बहाल
किसान की उपज कम तौलन वाले अनाज तिलहन संघ के पूर्व सचिव विजय कोठारी के फर्म सरदारमल -समरथमल का लाइसेंस बहाल कर दिया गया है। उज्जैन कृषि उपज मंडी समिति के सचिव अश्विन सिन्हा ने कोठारी की फर्म का लाइसेंस बहाल करने की पुष्टि करते हुए बताया कि मंडी में नियम है कि 21 दिन बाद व्यापारी का लाइसेंस बहाल हो जाता है। अब व्यापारी की फर्म खरीद-बिक्री कर सकती है। एफआईआर को लेकर उनका कहना है कि वह मामला पुलिस का है। उसके संबंध में पुलिस फैसला लेगी। उधर चिमनगंज पुलिस ने अभी तक अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। इसको लेकर व्यापारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि चिमनगंज पुलिस कार्रवाई करने के स्थान पर मंडी समिति के नाम पर केस को लटकाकर बैठी हुई है। जल्द ही व्यापारी एसपी से मिलकर जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
यह था मामला
16 जून को रथंभवर का किसान अपनी फसल लेकर आया था। तौल के दौरान एक क्विंटल 57 किलो से ज्यादा की उपज कम निकली थी। जबकि किसान बड़े तौल कांटे से तौलकर आया था। इतनी अंतर आने पर मंडी समिति ने पंचनामा बनाकर फर्म का लाइसेंस निलंबित कर दिया था। चूंकि विजय कोठारी व्यापारी संगठन के सचिव भी थे, इसलिए उनकी फर्म में मिली गड़बड़ी का मामला चुनावी मुद्दा बन गया था। एक गुट ने सचिव से तत्काल इस्तीफा मांगा था। परन्तु कोठारी ने एफआईआर दर्ज होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनके स्थान पर कार्यवाहक सचिव राजेंद्र राठौर को बनाया गया था।