खबरों के उस पार : पुराने स्टेडियम की सुध भी ले लो..!

मंगलवार 3 अगस्त को उज्जैन को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। यहां 7 करोड़ रुपए की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण का भूमिपूजन किया जा रहा है। नि:संदेह यह शहर के लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की एक बड़ी सौगात है।

इसके पहले भी शहर में नानाखेड़ा, क्षीरसागर स्टेडियम है। खेल ग्राउंड के रूप में दशहरा मैदान, माधव कॉलेज का मैदान, दौलतगंज का मैदान आदि जाने जाते हैं। इनमें से नानाखेड़ा स्टेडियम काफी खराब स्थिति मेें है। अभी तक यहां खेलकूद गतिविधियां नहीं हो पाती थी, सिर्फ राजनीतिक आयोजन होते थे या गेहूं का भंडारण होता था। अब सिंथेटिक ट्रैक बनने से जरूर दशा सुधर सकती है।

क्षीरसागर स्टेडियम भी बदहाली का शिकार है। पहले यहां हॉकी स्पर्धा हर साल होती थी, जो लंबे समय से नहीं हो पा रही है। वहीं स्कूलों के खेेल मैदान और दशहरा मैदान की भी हालत खस्ता है। यहां भी खेलकूद गतिविधियां नहीं हो पा रही है।

वर्तमान में खिलाडिय़ों के सामने बड़ी समस्या यह है कि महानंदानगर ऐरिया के अलावा शहर में एक भी ग्राउंड ऐसा नहीं है जहां वे क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल या अन्य कोई खेल गतिविधि चालू रख सकें। शहर को इतनी बड़ी सौगात देने वाले उच्च शिक्षा मंत्री को एक बार शहर के अन्य खेल मैदानों पर भी नजर दौड़ानी होगी, तभी चहुंमुखी विकास संभव है।

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