भुगतान नहीं होने से कचरा वाहन खड़े किये थाने में, विधायक ने किया हस्तक्षेप

थांदला। क्षेत्र के मजदूरों के साथ गुजरात के दाहोद तालुका में मजदूरी का भुगतान नहीं कर धोखाधड़ी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम वडलीपाड़ा के दिनेश पिता कालिया चरपोटा तथा कांतु पिता मल्ला भूरिया ने थाने में आवेदन देकर बताया कि वह लेबर कांट्रेक्टर होकर मजदूरों को कार्य करने के लिये गुजरात राज्य में ले जाते है। हमारे करीब 40 मजदूर व 12 डायवर समीपवर्ती गुजरात राज्य के दाहोद नगर स्मार्ट सिटी में सफाई व्यवस्था का कार्य कर रहे। जिसमें हमारे ड्रायवर कचरा वाहन चलाने व मजदूर घर-घर से कचरा एकत्रित करने का कार्य करते हैं। जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं

मजदूरों का कहना है कि उक्त कार्य दाहोद के सुमितसिंह व हितेशभाई के माध्यम से मिला था। हमारे ग्राम के मजदूर पिछले 5 माह से उक्त कार्य कर रहे हैं। जिसका भुगतान करीब 6 लाख 50 हजार अभी तक नहीं किया गया है।
हम जब भी सुमितभाई से मजदूरों को भुगतान की बात करते तो नगर निगम से भुगतान नहीं मिलने या अन्य बहाने बनाकर टालमटोल करते रहते थे। हमने भुगतान के लिये ज्यादा दबाव बनाया तो ठेकेदार ने ग्राम करज दाहोद के दो व्यक्ति जो ठेकेदार का ही अन्य कार्य करते हैं। नरेश पिता कालिया भाबर तथा कालिया को हमसे झगडा करने भेजा और दोनो व्यक्ति हमारे मजदूरों को डराते धमकाते व काम छीनने की धमकी देते। जिस वजह से हमारे मजदूर काफी भयभीत हो गये तथा शेष भुगतान लेकर घर जाने की बात कहने लगे।

मैंने उक्त बात ठेकेदार को बताई तब ठेकेदार ने भुगतान करने से मना कर दिया और रविवार की रात्रि 12 बजे के लगभग में मजदूरों के अस्थायी झोपड़े के बाहर नरेश व कालिया धारदार हथियार लेकर सभी को खतम कर दो ऐसा कहकर चिल्लाते रहे तथा पुलिस के पास जाने पर जान से मारने की बात कहते रहे।

हमारे सभी मजदूर काफी डर गये और रात्रि में ही गांव जाने की जिद करने लगे इसलिये हम तीन कचरा वाहन क्रमांक जीजे 20 एक्स 2816, जीजे 20 एक्स 2768, जीजे 20 एक्स 2745 में सभी को बिठाकर घर ले आये। फरियादी ने मजदूरों के साथ अप्रिय घटना घटित होने व टेम्पो कचरा वाहन चोरी की रिपोर्ट किये जाने की संभावना को देखते हुए तीनों टेम्पो थाने मे खड़े कर अपना बकाया भुगतान दिलावाये जाने की गुहार लगाई।

पीडि़तों से मिलने के लिये विधायक वीरसिंह भूरिया भी थाने पर पहुंचे तथा थाना प्रभारी को दाहोद पुलिस व कंपनी से संपर्क कर मामले को सुलझाने के निर्देश दिये।

इनका कहना

स्मार्ट सिटी कान्टेक्टर का कहना है कि यह मजदूरों के आपसी विवाद का मामला है। कपंनी का इससे कोई लेनादेना नहीं है। मजदूरों का माह जून पेटे मात्र 2 लाख रुपये शेष देना है। जिसके लिये भी मेेरे द्वारा दो तीन दिन में भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था। -सुमितसिंह, ठेकेदार

मजदूरों का मामला गुजरात राज्य का होने से हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। कंपनी के लोग आये हंै वो मजदूरों से मिलकर मामला सुलझायेंगे स्मार्ट सिटी के कचरा वाहन थाना परिसर में खड़े हैं। -कौशल्या चौहान, थाना प्रभारी थांदला

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