4 नंबर गेट से प्रवेश को लेकर सशुल्क टिकट धारियों का भी हंगामा, बाद में व्यवस्था बदली
उज्जैन, अग्निपथ। श्रावण मास के चलते श्री महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाहर से दर्शन करने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। लेकिन मंगलवार को दो दिन से चली आ रही व्यवस्था को नहीं बदला गया। लिहाजा मंगलवार की सुबह दो जगह हंगामा हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने व्यवस्था को बदलवा कर रख दिया। किन्नरों ने भी चारधाम मंदिर पर प्रवेश को लेकर हंगाम मचाया, फलस्वरूप अन्य श्रद्धालुओं ने भी उनका साथ देकर मंदिर प्रशासन को व्यवस्था बदलने के लिए बाध्य कर दिया। इसके बाद फ्री फार आल व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए।
जिला प्रशासन ने श्रावण और भादौ मास के हर रविवार और सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था चारधाम मंदिर से करने की व्यवस्था बताई थी। लेकिन मंगलवार को दर्शन व्यवस्था बदलना है अथवा नहीं इसको लेकर मंदिर के अधिकारियों ने अपना प्लान नहीं बनाया था। फल स्वरूप सुबह 5 बजे से आनलाइन प्री बुकिंग नहंी करवाने वाले श्रद्धालु 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट खरीद कर दर्शन करते रहेद्व लेकिन 7 से 7.30 के बीच चार धाम मंदिर के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया था।
इनमें मुंबई से आए हुए दो दर्जन से अधिक किन्नर भी थे। उन्होंने सशुल्क टिकट खरीदने से इंकार करते हुए फ्री फॉर ऑल व्यवस्था लागू करने को लेकर जमकर हंगामा मचाया। बताया जाता है कि यहां पर किन्नरों ने मंदिर प्रशासन पर गरीबों को दर्शन नहीं करवाने का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। हंगामे की सूचना के बाद अधिकारी अलर्ट हुए और दर्शन व्यवस्था को बदलते हुए सभी को फ्री फॉर ऑल व्यवस्था के तहत दर्शन कराए जाना शुरू करवाए। बताया जाता है कि बरसते पानी में इस दौरान श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन टिकट खरीदने पर विवश किया जा रहा था। जिसके चलते श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने जमकर हंगामा मचाया।
हंगामा मचाया तो दिया गेट नंबर 4 से प्रवेश
जानकारी के अनुसार सुबह चारधाम मंदिर से ही आनलाइन बुकिंग और 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट का प्रवेश चल रहा था। इस दौरान कुछ श्रद्धालु गेट नंबर 4 से शीघ्र दर्शन टिकट खरीद कर यहीं से मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास करने लगे। इसी गेट के पास स्थित गेट नंबर 5 से पंडे पुजारियों को मंदिर में प्रवेश करते देख श्रद्धालु आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि हमने शुल्क दिया है इसलिए निकट के रास्ते से प्रवेश दें। भीड़ बढऩे और विवाद की स्थिति उत्पन्न होने पर मंदिर समिति सदस्य व पुलिस अफसरों ने लोगों को हरसिद्धि चौराहे की तरफ भेजा और शीघ्र दर्शन टिकट काउंटर बंद कराए। बाद में अफसरों ने शीघ्र दर्शन के लिए बड़ा गणपति के सामने स्थित बेरिकेड्स से शीघ्र दर्शन टिकट धारियों और प्रोटोकॉल प्राप्त वीआईपी श्रद्धालुओं का प्रवेश देकर व्यवस्था को सुचारू बनाया।
प्रोटोकॉल सुविधा ना के बराबर
मंगलवार को वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं की भीड़ बड़ा गणेश मंदिर के सामने स्थित बेरिकेड के सामने एकत्रित हो गई थी। लेकिन कम संख्या में वीआईपी श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता रहा। गौरतलब रहे कि कलेक्टर और प्रशासक ने प्रोटोकॉल कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दे रखे थे कि वह अपने मोबाइल बंद रखें और किसी भी श्रद्धालु को बिना कलेक्टर कार्यालय की इजाजत के प्रवेश न दिया जाए। मंगलवार को भी इन निर्देशों का पालन करते हुए चुनिंदा वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं को दर्शन कराए गए।
एक दर्जन कर्मचारियों का तबादला
श्रावण मास की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक दर्जन कर्मचारियों का तबादला किया गया है। जिसमें उमेश पंड्या को चांदी गेट निरीक्षक, निरंजन जूनवाल को वाहन और लड्डू शाखा प्रभारी, उमेश दीक्षित को 250 रुपए काउंटर, रितेश शर्मा को गर्भगृह निरीक्षक, योगेश नामदेव को भस्मारती और सुरेश मोरे और दलबीर सहित अन्य कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया है।