फिजिकल एजुकेशन के कोर्स को कार्यपरिषद की मंजूरी
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में ताजा शेक्षणिक सत्र से ही एम.पी.ई.एस. पाठ्यक्रम की शुरूआत कर दी जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय में आचार्य विद्यासागर पीठ एवं शोध संस्थान की स्थापना भी की जाएगी।
मंगलवार को विवि परिसर में आयोजित हुई कार्य परिषद की बैठक में ये फैसले लिए गए है। कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में हुई कार्यपरिषद की बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय में शेक्षणिक सत्र 2021-22 से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अंगीकृत करने का भी फैसला हुआ है। इस बैठक में विवि के 70 से ज्यादा कुशल-अकुशल दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी बनाने के निर्णय पर भी मुहर लगी है। 2007 से पहले के दैनिक वेतन भोगी 3 साल पहले ही स्थाईकर्मी बनाए जा चुके है। नेक की तैयारी के लिए विवि की आईटी नीति, पर्यावरण नीति, जेंडर नीति को अंगीकृत करने का भी निर्णय हुआ।
डिजिटल होगी अंकसूची
विक्रम विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों की अंकसूची को डिजिटलाइज्ड करने के संबंध में भी कार्य परिषद की बैठक में चर्चा की गई है। शोध अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत शोध प्रबंधो के परीक्षकों की अनुसंशा के आधार पर पीएचडी की सूचना भी परिषद की बैठक में स्वीकार की गई।
एमबीए डिपार्टमेंट रहा चर्चाओं में
विवि कार्यपरिषद की बैठक में एमबीए डिपार्टमेंट खासा चर्चाओं में रहा। दरअसल, इस वक्त विवि के ज्यादातर डिपार्टमेंट कुछ नया करने के प्रयास में है लेकिन एमबीए डिपार्टमेंट में शिक्षकों के आपसी झगड़ों की वजह से पुराना ढर्रा ही चल रहा है। डिपार्टमेंट के दो पूर्व प्रभारी प्रो. कामरान सुल्तान और डी.डी. बेदिया के बीच झगड़े की वजह से यह डिपार्टमेंट चर्चाओं में रहा है। परिषद के सदस्यों ने तय किया कि यदि डिपार्टमेंट में हालात नहीं बदले तो विवि अपनी तरफ से एफआईआर भी दर्ज करवा सकता है।