शहर में कांग्रेस के नेता उस मेंढक़ की तरह हैं, जो कभी एक तराजू पर आकर नहीं बैठते हैं। पहली बार बेहद तनावपूर्ण माहौल के चलते शहर कांग्रेस के दो ध्रुव एक मंच पर आ गए हैं। महिला नेत्री कई दिनों से कांग्रेस के कद्दावर नेता के व्यवहार से नाराज चल रही थीं। उनकी नाराजगी से भोपाल मुख्यालय में भी तनाव में चल रहा था। इसकी तपन से उज्जैन के कांग्रेस नेता हलकान थे।
हालात यह हो गए थे कि जनता की समस्या के लिए होने वाले आंदोलन में जाने पर नेताजी नाराज हो जाते और नहीं जाने पर महिला नेत्री की गुड लिस्ट से बाहर हो जाने का डर कांग्रेस के नेताओं को सताने लगा था। सभी किसी भी तरह से इन नेताओं के बीच के विवाद को शांत कराने की कोशिश में जुटे हुए थे। मंगलवार को उनकी मेहनत का नतीजा सामने आ गया और कांग्रेस के दोनों नेता एकमंच पर आ गए।
इसका सार्थक परिणाम यह रहा कि कई लोगों को बिजली संकट में राहत मिलने की संभावना बन गई। बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री ने कई लोगों की समस्या के निराकरण का आश्वासन दे दिया। यानी कांग्रेस नेता एकजुट होकर आंदोलन करेंगे तो उनकी सुनवाई तो होगी ही, जनता की समस्या हल होने से उनकी साख भी बढ़ेगी।