मृदा परियोजना की दूसरी डीपीआर को केंद्र से मिली स्वीकृति
उज्जैन, (हेमंत सेन) अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर-रूद्रसागर विकास परियोजना(मृदा) के दूसरे चरण की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर) को गुरुवार को केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा मंजूरी दे दी गई है। डीपीआर मंजूर हो जाने के बाद महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में 141 करोड़ 65 लाख रूपए के नए विकास कार्य हो सकेंगे। 141.65 करोड़ रूपए में से 80 करोड़ फ्रांस और यूरोपियन देशों की मदद से हांसिल होंगे जबकि 61 करोड़ 65 लाख रूपए केंद्र सरकार से मिलेंगे।
मृदा परियोजना के पहले चरण के काम लगभग पूरे होने की स्थिति में आ गए है। स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा यहां दूसरे चरण की डीपीआर बनाकर 30 मार्च को स्मार्ट सिटी मिशन डायरेक्टर के कार्यालय भेजी थी। 30 जुलाई को स्मार्ट सिटी कंपनी उज्जैनन के कार्यकारी निदेशक और नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने केंद्र की उच्चस्तरीय समिति के सामने डीपीआर का प्रेजेंटेशन दिया था।
गुरूवार को मिशन डायरेक्टर और भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई उच्चस्तरीय समिति में उज्जैन से भेजी गई दूसरे चरण की डीपीआर को मंजूरी मिल गई है।
141 करोड़ इन कामों पर होंगे खर्च
मृदा परियोजना के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा कांप्लेक्स, रूद्रसागर जिर्णोद्धार, छोटा रूद्रसागर लैक फ्रंट डेवलपमेंट, रामघाट पर सौंदर्यीकरण, महाराजवाड़ा क्रमांक 2 पर अंडरग्राउंड पार्किंग और हाकर्स जोन के काम प्रस्तावित है।
एक नजर सिटीज प्रोग्राम पर
केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर द्वारा 9 जुलाई 2018 को सिटीस प्रोग्राम लांच किया गया था। यह कार्यक्रम एएफडी फ्रांस और यूरोपियन यूनियन द्वारा वित्त पोषित है। सिटीस प्रोग्राम के तहत विभिन्न शहरों के बीच प्रतियोगिता आयोजित कर शहरों का चयन किया गया। मध्यप्रदेश से केवल उज्जैनन का चयन इस योजना के तहत हुआ है। सिटीज प्रोग्राम में देश की 12 स्मार्ट सिटी को शामिल किया गया है।