वेतनमान का लाभ देने के लिए बीएड कॉलेज स्टाफ से मांगे थे रुपये
देवास। शहर के शासकीय बीएड कॉलेज (शिक्षा महाविद्यालय) के लेखापाल को कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई है। उसे भ्रष्टाचार अधिनियमि की दो अलग-अलग धाराओं में चार-चार साल सश्रम कारावास के अलावा जुर्माना भी लगाया गया है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर ने बताया भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश नीरज शर्मा ने शुक्रवार को जारी आदेश में शासकीय शिक्षा महाविद्यालय के लेखापाल प्रहलादसिंह क्षत्रिय (60) निवासी 25 सिविल लाइन को रिश्वत लेने का दोषी पाया गया। इस पर कोर्ट ने लेखापाल पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 7 में 4 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रूपये अर्थदंड के अलावा धारा 13 (2) में 4 वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।
यह है मामला
जिला अभियोजन अधिकारी खांडेगर के मुताबिक शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, देवास के व्यायाम निदेशक अभिमन्यु पिता मानसिंह यादव और भृत्य मुकेश पिता अम्बाराम परमार ने लोकायुक्त कार्यालय में महाविद्यालय के अकाउंटेंट (लेखापाल) प्रहलाद क्षत्रिय के खिलाफ रिश्वत मांगने का एक लिखित आवेदन दिया था।
आवेदन के मुताबिक क्षत्रिय ने 30 जुलाई 2015 को अपने कार्यालय में बुलाकर बताया कि तुम्हारे 4 वेतनमान पारित कराने के लिये संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय उज्जैन जाकर चार सील लगवाकर तुम्हारी एवं बाकी स्टॉफ की फाइले कम्पलीट करवाकर आया हूं। जिसका खर्चा 15 हजार रूपये मैं अपनी जेब से देकर आया हूं।
अब आपको 4 सील ठप्पों के 1 हजार रुपये 250 प्रति सील ठप्पा एवं प्यून को 500 रुपये देना पड़ेंगे। इस प्रकार प्रहलादसिंह क्षत्रिय आवेदक एवं बाकी कॉलेज स्टाफ से वेतनमान फाइल कंप्लीट करवाने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा है। मुकेश परमार भृत्य से भी 500 रुपये की रिश्वत की मांग प्रहलाद सिंह क्षत्रिय कर रहा है। आवेदक द्वारा लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराकर रंगेहाथ 01 हजार की रूपये की रिश्वत लेते प्रहलाद सिंह क्षत्रिय को पकड़वाया था।