नगर निगम के इंजीनियर कितने होशियार हैं, इसकी पोल पाइप लाइन खोल रही है। एक ही जगह पर पाइप लाइन बार-बार फूट रही है और पेयजल वितरण नहीं हो पा रहा है। इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है। भर बारिश में पेजयल संकट का ऐसा उदाहरण सिर्फ उज्जैन शहर में ही देखने को मिल सकता है।
नगर निगम के काबिल इंजीनियरों के कारण एक पाइप लाइन कई दिनों से दुरुस्त नहीं हो पा रही है। शिप्रा नदी किनारे रामघाट की पाइप लाइन पिछले पंद्रह दिनों में कई बार टूट चुकी है। हर बार निगम के काबिल इंजीनियरों के मार्गदर्शन में इसे सुधारा गया है। लेकिन दो-चार दिन बाद यह फिर लीक हो जाती है। पाइप लाइन टूटने के कारण शहर के एक बड़े क्षेत्र की पानी की सप्लाई ठप हो जाती है। लोग भर बारिश के मौसम में पानी के लिए तरस जाते हैं।
पंद्रह दिनों में कई बार कृत्रिम जल संकट पैदा करने वाले नगर निगम के काबिल इंजीनियरों के सामने जनता का एक ही सवाल है कि क्या कारण है कि एक जगह की लाइन पूरा अमला दुरुस्त नहीं कर पा रहा है। यहां वाकई तकनीकी खामी है या फिर टीम में काबिलियत की कमी है। कारण कुछ भी हो लेकिन यह घटना बार-बार होना गंभीर लापरवाही जरूर कही जा सकती है। जिस कारण जनता को बार-बार परेशान होना पड़ रहा है। नगर निगम को अपनी काबिलियत सुधारना भी जरूरी है।