बिजली काउंटर बंद, उपभोक्ता परेशान
उज्जैन। मप्र विद्युत अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर शहर के 9 झोनों में बिजली कर्मचारियों ने काम बंद रखा। इस वजह से 1000 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हो गई। कई इलाकों में अंधेरा छाया रहा। लोग परेशान होकर बिजली दफ्तरों में फोन लगाते रहे, परन्तु कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। बिजली कर्मचारियों द्वारा काम नहीं करने से कई दफ्तरों के ताले ही नहीं खुले।
उक्त दावा मप्र विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर जीके वैष्णव, संयोजक कुलदीप सिंह गुर्जर, कार्यकारी अध्यक्ष सुशील पांडे, बीडी गौतम, शंभुनाथ सिंह, मुकेश मेहना, शिव राजपूत ने किया। सभी विद्युत अधिनियम-2021 के बिल के विरोध में धरना दे रहे हैं। जिला अस्पताल सहित सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की बिजली बंद होने पर जरूर सुधार किया जाएगा। मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि उज्जैन में बिजली के निजीकरण का अनुभव ठीक नहीं रहा है। ऐसे में निजीकरण नहीं अमले की सुविधाएं बढ़ाई जाना चाहिए।
संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाकर अमले में बढ़ोतरी की जाए और आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं संविदा आधार ली जाए। कार्यपालन यंत्री राजीव पटेल का कहना है टोटल कार्य बंद रहेंगे। मुख्यालय से व्यवस्था के लिए अब तक कोई आदेश नहीं आए हैं। लोग ऑनलाइन बिजली बिल जमा करें।