आरोपों का खामियाजा भुगतना पड़ा
उज्जैन,अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के जेलर संतोष लडिय़ा के बाद महिला वार्ड प्रभारी सुनिता चौहान पर भी गाज गिर गई। शनिवार को उन्हें जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने पद से हटा दिया। वहीं वरिष्ठ अधिकारी को जेलर का प्रभार सौंपकर सख्ती से नियमों का पालन करने की हिदायत भी दी।
सर्वविदित है गंभीर आरोपों को देखते हुए जेल डीजी अरविंद कुमार ने जेलर लडिय़ा को भोपाल मुख्यालय में अटैच के आदेश दिए थे। जेल अधीक्षक सोनकर ने शुक्रवार को लडिय़ा को रिलीव करने के बाद शनिवार शाम चौहान को भी वार्ड प्रभारी के पद से हटा दिया। उन्हें कल्याणकारी व वेलफेयर की जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही अन्य वरिष्ठ महिला कर्मचारी को वार्ड प्रभारी नियुक्त कर दिया। उन्होंने जेलर का पद रिक्त होने पर जिला जेल अधीक्षक आरपी वसुनिया को भी जेलर की जिम्मेदारी सौंप दी। इस दौरान सोनकर ने मातहतों को गंभीरता से कार्य कर सख्ती से नियम पालन करने की चेतावनी दी। जेल रिकार्डनुसार यहां तीन जेलर के पद हैं, लेकिन एक भी जेलर नहीं होने से वसुनिया को प्रभार सौंपा गया है।
यह लगे थे आरोप
याद रहे झिंझरकांड की आरोपी युवती ने 27-28 जुलाई को कलेक्टर से मुख्यमंत्री तक शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि जेल में रिश्वत के लिए महिला जेल वार्ड प्रभारी सुनीता चौहान ने उसे प्रताडि़त किया था और जेलर ने उससे ज्यादती की थी। मजबूरन उसके परिजनों को 15 हजार रुपए देना पड़े थे। सजा काटकर छूटे अन्य कैदियों ने भी जेलर लडिय़ा के खिलाफ घूस मांगने और खाने-पीने का सामान महंगे दाम में बेचने की शिकायत की थी।
ऐसे चला घटनाक्रम
दोनों पर लग रहे गंभीर आरोपों के दौरान ही 3 अगस्त को डीजी अरविंद कुमार अचानक निरीक्षण के लिए जेल पहुंच गए थे। शिकायतों की जानकारी मिलने पर जांच करवाने का कहा था। उन्होंने 4 अगस्त को लडिय़ा को हटाने के आदेश के साथ 5 अगस्त को जांच टीम भी भेज दी थी। टीम संबंधितों के बयान लेकर चली गई। इधर अधीक्षक सोनकर ने 6 अगस्त को जेलर लडिय़ा को रिलीव करने के बाद चौहान पर भी कार्रवाई कर दी।
इनका कहना है..
जेलर लडिय़ा को रिलीव कर जिला जेल अधीक्षक ने वसुनिया को जेलर का प्रभार दिया है। महिला वार्ड प्रभारी सुनिता चौहान को भी हटा दिया गया है। कर्मचारियों द्वारा सख्ती से नियम का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी। -अलका सोनकर, जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल भैरवगढ़