सहकारी बैंक के मैनेजर ने फांसी लगाई

हिसाब में 15 करोड़ का अंतर आने से जवाब तलब; सुसाइड नोट में दो अफसरों पर प्रताडि़त करने का आरोप

उज्जैन, अग्निपथ। ग्रामीण क्षेत्र की एक सहकारी बैंक के मैनेजर ने फांसी लगाकर जान दे दी। मंगलवार सुबह सामने आई इस घटना में आत्महत्या की वजह दो अफसरों द्वारा भ्रष्टाचार नहीं करने पर प्रताडि़त करना बताया है। घटना की वजह मैनेजर को 15 करोड़ का हिसाब नहीं मिलने पर सप्ताह भर पहले दिया नोटिस भी हो सकता है। मामले में चिमनगंज पुलिस जांच कर रही है।

खंडेलवाल नगर निवासी लालसिंह पिता अंतरराम कुशवाह (61) माकड़ौन जिला सहकारी बैंक में मैनेजर थे। सोमवार देर रात उन्होंने तीसरे माले पर रैलिंग पर रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। घटना का उस समय पता चला जब रात करीब 3 बजे पुत्र नरेंद्र उन्हें कमरे में नहीं देख उपरी मंजिल पर गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो कुशवाह के हाथ में दो पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी विशेष श्रीवास्तव व प्रबंधक महेश कुमार माथुर को जिम्मेदार को बताया।

पत्र में यह भी लिखा की दोनों उसे भ्रष्टाचार करने के लिए ट्रांसफर तक की धमकी दे रहे थे। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर कुशवाह का पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौँप दिया।

परिजनों ने भी लगाए आरोप

एमआईटी में अकाउंट का कार्य करने वाले पुत्र नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि रात करीब 12 बजे वह और माता-पिता अपने-अपने कमरे में सोने चले गए थे। रात को पिता को कमरे में नहीें देख माँ ने उठाया। उन्हें तलाशते हुए उपर गए तो घटना देख उनके होश उड़ गए। आरोप लगाया कि दोनों अधिकारी भ्रष्टाचार के लिए एक सप्ताह से परेशान कर रहे थे। उन्होंने डिप्रेशन के कारण वीआरएस लेने का भी कहा था।

15 करोड़ रुपए के अंतर कैसे, होगी जांच

जिला सहकारी बैंक ने माकड़ौन सहकारी बैंक के वर्ष 2020-21 में वितरित फसल वितरण व ब्याज अनुदान पोर्टल पर प्रविष्टि में करीब 15 करोड़ का अंतर पकड़ा था। इस पर मुख्यालय ने 3 अगस्त को कुशवाह से ऋण वितरण एवं समितियों द्वारा प्रविष्ट में आ रहे अंतर पर स्पष्टीकरण मांगा था। कुशवाह ने जवाब दे दिया था, लेकिन जांच होना बाकी था। संभवत: जांच में गड़बड़ी निकलने की आशंका से ही कुशवाह परेशान थे।

इनका कहना

वितरण और अनुदान पत्रक में करीब 15 करोड़ का अंतर आने से सोसायटी या किसानों को नुकसान न हो इसलिए स्पष्टीकरण मांगा था। मैनेजर ने जवाब दे दिया था। मामले में जांच की जाना थी, लेकिन उन्होंने आत्मघाती कदम क्यों उठाया और आरोप क्यों लगाए पता नहीं। – महेश कुमार माथुर, प्रबंधक जिला सहकारी बैंक मुख्यालय

मृतक से बरामद सुसाइड नोट में आरोप लगाए हैं, जांच शुरू कर दी है। जांच पूरी होने पर ही घटना की सही वजह पता लग सकेगा।
जितेंद्र भास्कर, टीआई, चिमनगंज थाना।

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