खुद आरोपी ने ही आवेदन देकर पुलिस को बताया था नक्शे कहां से आए
उज्जैन, अग्निपथ। गायत्री नगर सेक्टर-ए में फर्जी बिल्डिंग परमिशन के आधार पर लोगों को मकान बेच देने के मामले में दो और लोगों के नाम सामने आए हैं। खास बात यह है कि इस मामले के आरोपी प्रेम विश्वकर्मा ने खुद ही चिमनगंज मंडी थाने में इन दलालों के नाम लिखकर दिए थे।
गायत्री नगर में मकान खरीदकर ठगी का शिकार हुए लोगों की शिकायत पर पुलिस ने दुर्गा कालोनी निवासी बिल्डर प्रेम विश्वकर्मा के खिलाफ चिमनगंज मंडी पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। कालोनी में फर्जी नक्शे के आधार पर मकान बेचे जाने का खुलासा होने के बाद खुद पर कार्रवाई से बचने के लिए बिल्डर प्रेम विश्वकर्मा ने ही चिमनगंज मंडी थाने में एक आवेदन दिया था। इस आवेदन में उसने उन दो लोगों के नाम लिखे है जिनके मार्फत नक्शे तैयार करवाए गए थे।
इनमें से एक शख्स नगर निगम से भी जुड़ा है। प्रेम विश्वकर्मा हालांकि अभी फरार है लेकिन उसके द्वारा पूर्व में दिया गया आवेदन पुलिस के पास मौजूद है। इस आवेदन के आधार पर ही यदि जांच आगे बढ़ती है तो पुलिस उन लोगों तक भी आसानी से पहुंच सकती है जो फर्जी नक्शे तैयार करने का कारोबार कर रहे है।
गायत्री नगर सेक्टर-ए को बसाने वाली भारत गृह निर्माण संस्था पर इस समय परिसमापक तैनात है।
कॉलोनी में बिकने वाले किसी भी प्लॉट की एनओसी के लिए भरतपुरी स्थित सहकारिता विभाग के कार्यालय जाना पड़ता है। पिछले लगभग 6 महीनों से नगर निगम के जोन का एक कर्मचारी ही सहकारिता विभाग में जाकर परिसमापक से एनओसी लेने का काम करता रहा है। बिल्डर और सहकारिता विभाग के बीच की कड़ी नगर निगम का यही कर्मचारी है।