जावरा, अग्निपथ। तहसील के कई गांव नवेली, लोद, रानीगांव, मावता, रियावन, रिंगनोद, मोरिया, रोजाना, मोयाखेड़ा, मल्लाखेडी आदि के किसान इन दिनों अपनी सोयाबीन की फसल खराब होने के कारण परेशान हैं। किसानों ने बताया कि वर्तमान में सोयाबीन के पौधे तो अच्छे बड़े हो गए है किन्तु अफलन ने चिंताएं बढ़ा दी है।
सोयाबीन की फसल में अभी तक ना तो फूल आए है और ना ही फलिया लग रही है। जिसके कारण कृषक को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। अफलन के सम्बन्ध में कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा में पदस्थ डॉ. सर्वेश त्रिपाठी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि लगातार बारिश के कारण दवाइयों का छिडक़ाव नहीं होने के कारण से इल्लियों ने भी फूल और कली को नुकसान पहुंचाया है और किसानों ने सबसे ज्यादा अपने खेतों में 9560 सोयाबीन लगाई है।
इसमें सबसे ज्यादा अफ़लन की स्थिति है। 80 से 90 फ़ीसदी पौधों पर फूल और फलियां नहीं है। ऐसा लगाता है कि किसान एक ही वेरायटी के बीज खेत मे लगा रहे है। उन्हें सोयाबीन के बीज समय समय पर चेंज करना चाहिए। बड़ी जोत के किसानों को अलग-अलग किस्म के बीज लगाने चाहिए।