महिदपुर: नागचंद्रेश्वर ने नहीं किया नगर भ्रमण, परंपरा टूटने से श्रद्धालुओं में आक्रोश

महिदपुर। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को परंपरानुसार नागचंद्रेेश्वर महादेव की सवारी इस वर्ष कोविड-19 गाइड लाइन के चलते नगर भ्रमण पर नहीं निकल सकी। शासन की गाइड लाइन, प्रशासन की हठधर्मिता व आयोजकों में इच्छाशक्ति के अभाव के कारण शंकर सवारी निकालने की पुरानी परंपरा टूट गई।

श्रावण, भादवा मास में निकाली जाने वाली शंकर सवारियों को लेकर प्रशासन व आयोजकों की बैठक में कोरोना संक्रमण के चलते राज्य शासन द्वारा कोविड-19 की गाइड लाइन व दिशा निर्देशों का हवाला देकर प्रशासन द्वारा किसी भी तरह के सार्वजनिक जुलूस, सवारी निकालने पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध की बात रखी गई।

इसके बाद बैठक में उपस्थित आयोजकों व अधिकारियों के बीच बनी सहमति के बाद सोमवार को नागचंद्रेेश्वर महादेव की सवारी मंदिर प्रांगण में ही वट वृक्ष की परिक्रमा कर आधे घंटे में समाप्त हो गई। दोपहर 1:30 बजे ढोल ढमाकों के साथ मंदिर में आरती कर भगवान नागचंद्रेेश्वर को फूलों से सज्जित पालकी में विराजित किया गया।

आरती पश्चात बाबा की पालकी को भक्तजनों ने प्रांगण में घुमाया, जहां पर गिनती के श्रद्धालुओं ने पालकी में विराजे बाबा के दर्शन, पूजन कर आशीर्वाद लिया। आरती के दौरान आकर्षक आतिशबाजी भी की गई पश्चात प्रसादी वितरण किया गया

प्रशासन का पहरा

शासन प्रशासन की गाइड लाइन व दिशानिर्देशों के सख्ती से पालन करवाने के लिए एसडीएम केसी ठाकुर, थाना प्रभारी दिनेश भोजक, नायब तहसीलदार पुलकित जैन आदि अपने अधीनस्थों सहित मंदिर परिसर के पास समय से पूर्व ही डेरा डाल चुके थे। साथ ही मंदिर आने जाने वाले दोनों रास्तों पर पर्याप्त बैरिकेड्स लगाकर पहरेदार तैनात कर भोले बाबा की सवारी निकालने की सारी संभावनाओं को समाप्त कर दिया। हालांकि आयोजकों ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों से बाबा की पालकी को घुमाने के लिए थोड़ी शिथिलता बरतने का अनुरोध किया, लेकिन अधिकारी ऊपर के निर्देशों का हवाला देकर टस से मस नहीं हुए।

भक्तों में दिखा निराशा मिश्रित आक्रोश

श्रावण मास के अंतिम सोमवार को भगवान श्री नागचंद्रेश्वर महादेव की सवारी के नगर भ्रमण पर निकलने की परंपरा खंडित होने से नगर एवं क्षेत्र की जनता अपने भोले बाबा के दर्शन करने से वंचित हो गई। ऐसे में नगर के भक्त गणों ने निराशा व्यक्त करते हुए प्रशासन व आयोजकों के प्रति आक्रोश व्यक्त किया।

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