बीते पांच दिन में महाकाल मंदिर में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसको देखकर ऐसा लगता है कि महाकाल मंदिर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कब्जा हो गया है। इंदौर के कैलाश विजयवर्गीय ने नागपंचमी के अवसर पर गुपचुप मंदिर में दर्शन किए। उनके दर्शन के दौरान सीसी टीवी कैमरे तक बंद कर दिए गये।
भस्मारती में देरी की खबर को लेकर जिला प्रशासन अपना पक्ष देता रहा। उसके ठीक दो दिन बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ दर्शन के लिए मंदिर मेें प्रवेश कर गए। इसके ठीक तीन दिन बाद एक और मामला सामने आया।
इंदौर के ही भाजपा नेता गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष ने मंदिर में प्रवेश किया। रुद्राक्ष ने नंदीगृह के आगे से दर्शन किए और सोशल मीडिया पर फोटो भी साझा किये। ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के आगे प्रशासन ने घुटने टेक दिये हैं। यही घटनाक्रम यदि कोई मंदिर का कर्मचारी करता तो अभी तक उस पर कार्रवाई हो चुकी होती। किंतु नियम तोडऩे की घटना करने वाले सब बड़े नेता हैं या उनके साहेबजादे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं। इस कारण शहरवासियों को उम्मीद है कि कलेक्टर इस मामले में कोई सख्त कदम जरूर उठायेंगे। यदि इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाये गये तो यह एक परिपाटी बन जाएगी।