अवैध उत्खनन मामले में सात साल पहले हुआ था अर्थदंड
उज्जैन,अग्निपथ। कांग्रेस नेता दिनेश जैन बोस के खिलाफ बुधवार को महिदपुर रोड पुलिस ने केस दर्ज किया है। वजह अवैध उत्खन्न के सात साल पुराने प्रकरण में करीब 30 करोड़ रुपए अर्थदंड नहीं भरना रहा है।कार्रवाई खनिज अधिकारी की रिपोर्ट पर की गई है।
महिदपुर के कांग्रेस नेता दिनेश बोस पिता मांगीलाल जैन ग्राम बपैया में अवैध खदान चलाते थे। जानकारी पर खनिज और राजस्व विभाग ने 29 मई 2014 को अवैध खनन, भंडारण व परिवहन होता पकडक़र प्रकरण बनया था। मामले में तत्कालीन एसडीएम जगदीश गोमे ने 19 फरवरी 2016 को जैन पर 30 करोड़ 29 लाख 25 हजार 600 रुपए अर्थदंड किया था।
आदेश के खिलाफ जैन ने अपर आयुक्त से सुप्रीम कोर्ट तक अपील की, लेकिन जुर्माना खत्म नहीं हो पाया। बावजूद जुर्माना नहीं भरने पर बुधवार को सहायक खनिज अधिकारी महेंद्र पिता चेनसिंह पटेल (42) निवासी नीरा हवेली ने अपर आयुक्त न्यायालय के आदेशानुसार महिदपुर रोड थाने में आवेदन दे दिया, जिस पर पुलिस ने जैन के खिलाफ धारा 379, 414 एवं खनन अधिनियम की धारा 4/21 में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
एसडीएम गोमे द्वारा भारी जुर्माना लगाने के विरुद्ध जैन ने अपर आयुक्त न्यायालय में अपील की। यहां 18 नवंबर 2016 को निरस्त होने पर राजस्व मंडल ग्वालियर में गुहार लगाई। 25 अप्रैल 2017 को यहा से निरस्त होने पर राहत नहीं मिलने पर इंदौर हाईकोर्ट में अपील की। उच्च न्यायालय ने सभी आदेश निरस्त कर अर्थदंड की 20 प्रतिशत राशि जमा करने पर तत्कालीन कलेक्टर को पुन: सुनवाई के आदेश दिए। जैन 20 प्रतिशत राशि के आदेश को भी समाप्त करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। लेकिन यहां से भी राहत नहीं मिली
फिर प्रशासन के पाले में
अंत में इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने पुन: सुनवाई कर 17 जुलाई 2021 को पूर्व एसडीएम गोमे के आदेश को यथावत रखते हुए सात दिन में जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए। महिदपुर तहसीलदार ने 23 जुलाई तक राशि नहीं जमा करना का नोटिस जारी किया तो जैन ने पुन: अपर आयुक्त न्यायालय में अपील कर दी। लेकिन यहां से 16 अगस्त को आदेश दिया गया कि जैन ने किसी भी किसी भी न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। अंत उनके विरुद्ध राजस्व चोरी और अवैध उत्खन्न मामले में केस दर्ज किया जाए।
जिपं सदस्य से विधायक के चुनाव तक
सर्वविदित है जैन जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर महिदपुर से विधानसभा का चुनाव निर्दलीय के रूप में भी लड़ा, लेकिन हार गए। बगावत करने पर उन्हें कांग्रेस ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन बाद में पुन: शामिल कर लिया।