डॉ.अवधेश पुरी बोले-सख्त कार्रवाई जरूरी, महामंडेलश्वर अतुलानंद ने पुलिस प्रशासन की सराहना की
उज्जैन, अग्निपथ। मोहर्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की घटना तूल पकड़ती जा रही है। हालांकि आरोपियों के उद्देश्य व उनकी गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार को पुलिस के आला अधिकारी घंटों खाराकुआं थाने में जमे रहे। लेकिन परमहंस डा. अवधेश पुरी ने इसे नाकाफी बताते हुए नारेबाजों के मकान तोडऩे की मांग की। वहीं महामंडलेश्वर अतुलानंद सरस्वती ने देशद्रोहियों को मौत की सजा का देने की पैरवी की है।
गीता कॉलोनी में मोहर्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाने की घटना का पता चलते ही शुक्रवार को शहरवासी आक्रोशित नजर आए। वहीं महानिर्वाणी अखाड़े के महंत व स्वास्तिक पीठाधीश्वर परमहंस डॉ. अवधेश पुरी ने घटना पर नाराजगी जाहिर कर कहा कि नारेबाज देश छोडक़र चले जाएं।
उन्होंने चंद लोगों पर कार्रवाई को नाकाफी बताकर आरोपियों के मकान तोडऩे की मांग की। साथ ही वर्ग विशेष के धर्मगुरू की मौजूदगी में घटना होने पर उन्हेें बख्शने पर पुलिस पर सवाल खड़े किए। चेतावनी दी कि सभी जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई नहीं की तो हिन्दूवादी संगठन प्रशासन का पीछा नहीं छोड़ेंगे। दूसरी ओर महामंडलेश्वर अतुलेश्वरानंद सरस्वती ने कार्रवाई को लेकर तो पुलिस प्रशासन की सराहना की, लेकिन नारेबाजी को तालिबानी करार दिया। कहा कि जेहादी जहर फैला रहे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार ऐसे देशद्रोहियों को मौत की सजा देने का कानून बनाए।
एडीजीपी ने संभाली कमान
घटना का पता चलते ही एडीजीपी योगेश राव देशमुख, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एएसपी अमरेंद्र सिंह गुरुवार रात 12 बजे मौके पर पहुंच गए। एडीजीपी ने रात को ही बड़े साब पर तैनात अधिकारियों से चर्चा कर क्षेत्र से सीसी टीवी फुटेज मंगवाकर कर केस दर्ज कराया। आरोपियों को पकडऩे के निर्देश देने के साथ शुक्रवार सुबह 11 बजे फिर खाराकुआं थाने पहुंच गए। यहां घंटों एसपी के साथ फुटेज देख आरोपियों की पहचान करवाकर कार्रवाई करवाते रहे। इधर सूत्रों का कहना है कि मामले में मुख्यमंत्री ने डीजीपी से चर्चा की है।
पीठाधीश्वर ने कहा-असामाजिक तत्वों पर कठोर कार्रवाई करे प्रशासन
कर्नाटका से उज्जैन आए श्री अमर नागेश्वर महादेव मठ, श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय मंत्री पीठाधीश्वर महंत श्री सह देवानंद गिरी जी महाराज ने भारत विरोधी एवं पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने की घोर निंदा की। पीठाधीश्वर ने कहा कि अवंतिका पुरी उज्जैन विश्व का सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहां के शमशान भी तीर्थों में शामिल है। ऐसे धार्मिक पवित्र तीर्थ स्थल पर भारत विरोधी नारे लगना संत समुदाय का अपमान है और संत समाज इस अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार प्रशासन ताजिए में शामिल भारत विरोधी नारे लगाने वाले उन सभी लोगों को गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई करे। सरकार द्वारा ऐसा नहीं कर किए जाने पर संपूर्ण देश के संत समाज सडक़ों पर आंदोलन करेंगे।
उम्रकैद की सजा की धारा में केस
- प्रकरण में धारा 124 ए,153 बी व 188 लगाई गई है।
- धारा 124 ए: राजद्रोहियों पर लगाई जाती है। इसमें आजीवन या तीन वर्ष कारावास के साथ जुर्माना का प्रावधान है।
- धारा 153 बी: राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लक्षण। इसमे तीन वर्ष की सजा, जुर्माना या दोनों, लेकिन धार्मिक कर्म के दौरान यह अपराध करने पर पांच वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है।
- धारा 188: लोकसेवक के आदेश की अवहेलना है। इसमें एक माह की सजा या जुर्माना और मानव जीवन पर संकट कारित करने पर 6 माह की सजा और जुर्माना हो सकता है।
पहले भी रची थी साजिशें
- उज्जैन सिमी का गढ़ माना जाता है। आतंकी घटना में जेल में बंद सफदर नागौरी, आमिल परवेज व उनके कई साथी यहां के रहने वाले है।
- सिमी ने कई बार तकरीर व भडक़ाउ पोस्टरों के द्वारा तनाव फैलाने की कोशिशें की। आधा दर्जन थानों में केस दर्ज हुए।
- उन्हेल में सिमी सदस्यों को ट्रेनिंग देने के लिए कैंप लगाने पर जादिल परवेज सहित पांच पकड़ाए थे।
- देश भर में आतंक फैलाने के लिए नागौरी ने सिमी सदस्यों के साथ मीटिंग की थी।
- देशभर में आतंकी घटनाओं में महिदपुर, उन्हेल, नागदा, नागौरी मोहल्ला, शिकारी गली, बेगमबाग के युवकों के नाम सामने आए।
- पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में विस्फोट के लिए महिदपुर में बम बनाए गए थे।
इनका कहना
मामले में केस दर्ज कर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की पहचान कर रहे हैं। कोविड गाइड लाइन का पालन कर सभी अपने त्योहारों को शांति से मनाएं, लेकिन राष्ट्रदोह करने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। -योगेश राव देशमुख, एडीजीपी उज्जैन, झोन
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