शहर में इन दिनों गीता कॉलोनी में मोहर्रम के दिन हुई घटना का पूरे शहर में विरोध हो रहा है। भाजपा के सभी नेता, हिंदूवादी संगठन, संत समाज, करणी सेना, ब्राह्मण समाज और अल्पसंख्यक वर्ग भी मोहर्रम के दिन बड़े साहब के समक्ष हुई भडक़ाऊ नारेबाजी की निंदा कर रहा है। जगह-जगह पुतले फूंके जा रहे हैं। लेकिन देश की राष्ट्रीय स्तर की पार्टी कांग्रेस इस मामले में चुप है।
कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं ने अभी तक कोई भी वक्तव्य घटना पर जारी नहीं किया है। चाहे वे शहर के हों, जिले के हो या फिर प्रदेश के। सभी कांग्रेसी चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि कुछ कांग्रेसी घटना के वक्त राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए मौके पर भी मौजूद थे। लेकिन जब माहौल बिगड़ा तो चुपके से खिसक लिए और मौन धारण कर लिया।
धिक्कार है ऐसी राजनीति पर। देश से बढक़र कुछ भी नहीं है। देश के खिलाफ जो भी आवाज उठाये, वो चाहे किसी भी वर्ग या संप्रदाय का हो, उसके खिलाफ खड़े होना हर भारतीय का कर्तव्य है। लेकिन कांग्रेस इन दिनों अपना कर्तव्य भूलकर अपने कथित वोटर जो अब उनके नहीं रहे हैं, उन्हें खुश करने की चेष्टा में जुटी है।
कांग्रेस की यह चुप्पी उसकी देशद्रोहियों के प्रति सदभावना की विचारधारा को बल प्रदान करती है। लेकिन एक बात तो साफ है देशभक्त ही अब देश पर राज करेंगे।