गीता कालोनी में नारेबाजी मामला : आरोपियों की पैरवी को लेकर कोर्ट में वकीलों के बीच विवाद, थाने तक पहुंचा मामला, समझौता

उज्जैन। गीता कालोनी में देश विरोधी नारे लगाए जानेका मामला बढ़ता ही जा रही है। मंगलवार को मामले को लेकर वकीलों के बीच विवाद हो गया। हंगामे के दौरान थाने में शिकायत भी हो गई थी,लेकिन बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया और शिकायत वापस ले ली गई। माधवनगर टीआई ने इस बात की पुष्टि की है कि वकीलों ने किसी तरह की कार्रवाई से इनकार किया है।

उज्जैन मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक यादव का कहना है कि वकीलों के बीच विवाद होने की जानकारी सामने आई थी। दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया गया है। इस तरह की घटना भविष्य में न हो इसका प्रयास किया जाएगा। थाने में जो शिकायत वकील आशीष तिवारी ने की थी,उसे भी वापस लेने पर सहमति हो गई है। कल फिर से दोनों ही पक्षों को समझौते के लिए बैठाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पैरवी से नहीं रोक सकते

आल इंडिया बार कौंसिल के सदस्य और वरिष्ठ वकील ने कहा, घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटना फिर से न हो इसके प्रयास किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि किसी को भी किसी की भी पैरवी करने से नहीं रोका जा सकता है। इस आदेश का पालन कराया जाएगा। सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया गया है।

पैरवी करने से किसी को नहीं रोक सकते

उज्जैन मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक यादव का कहना है कि लोकेंद्र मेहता और सुरेंद्र मेहता ने देश विरोधी नारे लगाने वालों की पैरवी किसी भी वकील द्वारा नहीं किए जाने के संबंध में पत्र दिया था। इस पर उन्हें बता दिया गया था कि किसी को भी पैरवी करने से नहीं रोका जा सकता है। न्याय पाने का हक सबको है। इसलिए पैरवी करने से किसी को नहीं रोका जाए।

विवाद होने पर हो गया समझौता

वकील आशीष तिवारी का कहना है कि अपने क्लाइंट की पैरवी करना हमारी ड्यटी है। वहीं करने पहुंचा था। इस दौरान विवाद हो गया। बाद में वरिष्ठ वकीलों ने समझौता करा दिया है। पुलिस को दिया आवेदन भी वापस ले लिया है। हम सब वकील एक ही परिवार का हिस्सा हैं।

अभद्र टिप्पणी करने से मामला बिगड़ा

इस मामले में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के लोकेंद्र मेहता का कहना है कि मंडल अभिभाषक संघ को देश विरोधी आरोपियों की पैरवी नहीं करने के संबंध में पत्र दिया गया था। उन्होंने हमारे आग्रह को मान लिया था कि कोई भी वकील देश विरोधी नारे लगाने वालों की पैरवी नहीं करेगा। परन्तु वकील आशीष तिवारी ने अभद्र टिप्पणी की थी, पैरवी भी की। इसलिए विवाद हो गया। बाद में बार एसोसिएशन के सदस्यों ने समझौता कर दिया गया है। वकील आशीष तिवारी ने इस तरह की विवादित टिप्पणी न करने का आश्वासन दिया है।

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