सफाई ठीक न नलों से मिल रहा पूरा पानी
सोयतकलां, अग्निपथ। नगर पंचायत में स्थाई मुख्य नगर पंचायत अधिकारी (सीएमओ) नहीं होने के कारण नगर में छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर आमजन परेशान हैं। कई महीनों से नगर पंचायत में जो सीएमओ आते हैं, उनके पास सोयत और सुसनेर दोनों जगह का प्रभार होता है। ऐसे में सोयत की ओर इन अधिकारियों का ध्यान कम ही रहता है। जिस वजह से पेयजल सहित कई मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मौजूदा सीएमओ के पास भी सुसनेर व सोयत का चार्ज है। मुख्य नगर पंचायत अधिकारी की यहां के प्रति उदासीनता के चलते नगर की सडक़ों की हालत खराब है। जिस कारण नगर में गली मोहल्ले में आए दिन दुर्घटनाएं होना आम बात हैं। वहीं लचर सफाई व्यवस्था के चलते नगर की यह हालत है कि डेंगू के 8 से 10 मरीज झालावाड़ में अपना इलाज करा रहे हैं। आगामी त्योहारों को लेकर भी नगर परिषद की उदासीनता नगर वासियों के सामने साफ झलक रही है।
भरपूर पानी फिर भी पांच-छह दिन में जलप्रदाय
इतना ही नहीं पीने के पानी के लिए भी शहरवासी तरस रहे हैं। नल-जल योजना के हालत भी खराब है। क्षेत्र में पर्याप्त पानी होने के बावजूद 5 से 6 दिनों में नागरिकों को नलों से पानी मिलता है।
प्रभारी सीएमओ होने से मनमर्जी
सुसनेर एवं सोयत का एक ही सीएमओ होने से सोयत नगर परिषद की ओर उनका कोई भी ध्यान नहीं है। यहां के कर्मचारी अधिकतर बाहर के हैं और सीएमओ के नहीं आने के कारण वे भी डेली अपडाउन कर रहे हैं। कर्मचारी बिल्कुल लापरवाह हो चुके हैं, अधिकतर ऑफिस में ताले लगे रहते हैं। लोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।
सप्ताह में चंद घंटे का निकालते हैं समय
जब भी नगर पंचायत सीएमओ को फोन लगाओ तो पहले तो फोन अटेंड ही नहीं करते हैं। अगर फोन उठा भी किया तो जवाब यही मिलता है-अभी मैं मीटिंग में हूं। सोयतकलां नगर परिषद को लेकर उनकी उदासीनता का आलम यह है कि पूरे सप्ताह में एक या दो दिन यहां आते हैं। उसमें भी एक या दो घंटे के लिए। शासन आखिर कब नगर को एक स्थाई मुख्य नगर पालिका अधिकारी उपलब्ध कराएगा।
इनका कहना
नगर की समस्याओं को लेकर सीएमओ द्वारा फोन नहीं उठाना गलत है। अगर सीएमओ फोन नहीं उठाते हैं तो नायब तहसीलदार को नगर की समस्याओं से अवगत करवा सकते हैं।
– संजीव सक्सेना तहसीलदार एवं प्रशासक नगर परिषद सोयत कला