उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के निलंबित अपर आयुक्त आर.पी. मिश्रा ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को निलंबन से बहाल करने का एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल के खिलाफ कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। अपर आयुक्त के पत्र में उल्लेख है कि आयुक्त सिंघल के कार्यकाल में उज्जैन नगर निगम में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। पत्र के साथ उन्होंने अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ के खिलाफ की गई जांच का प्रतिवेदन भी प्रमुख सचिव को भेजा है।
नगर निगम में अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान भोपाल तक जाने के बाद नगरीय प्रशासन आयुक्त ने ननि अपर आयुक्त आर.पी. मिश्रा को दो दिन पहले निलंबित कर दिया था। आरोप है कि उन्होंने ननि आयुक्त क्षितिज सिंघल के आदेशों की अवहेलना की है।
आयुक्त के प्रस्ताव पर ही निलंबन की यह कार्रवाई हुई है। अब अपर आयुक्त ने अपनी ओर से प्रमुख सचिव को लेटर लिख दिया है। इस लेटर में अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ के खिलाफ हुई जांच में सामने आए तथ्य, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जुड़े तथ्य और स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े तथ्यों से भी मुख्य सचिव को अवगत कराया गया है।
अपर आयुक्त आर.पी. मिश्रा ने प्रमुख सचिव को लिखे अपने लेटर में आरोप लगाया है कि उज्जैन में कारित आर्थिक अनियमितता, गबन आदि के संबंध में शासन को कार्यवाही के लिए अवगत नहीं कराते हुए आयुक्त ने मेरे विरूद़ध षडय़ंत्रपूर्वक आधी-अधूरी असत्य जानकारी भेजकर मुझे निलंबित करवाया है। अपर आयुक्त ने यह भी आरोप लगाया है कि आयुक्त के निर्देशों के अनुरूप जांच नहीं करने और आर्थिक अनियमितता करने वालों को बचाने के उद्देश्य से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
दिल्ली पहुंचे अपर आयुक्त
नगर निगम के निलंबित अपर आयुक्त आर.पी. मिश्रा बुधवार को उज्जैन से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। नगर निगम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अपर आयुक्त अपने साथ उज्जैन से कागजों का पुलिंदा लेकर गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि वे या तो अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे या केंद्र पोषित किसी योजना के संबंध में सचिवालय में अपनी बात रखेंगे।