गृहस्थ बने जैन मुनि के सुलहनामे: प्रज्ञा दीदी के लिए हर जगह बचाव में आ जाते थे सुद्धांत सागर

दमोह। जैन तीर्थ क्षेत्र के बेलाग्राम में सुद्धांत सागर और प्रज्ञा दीदी के संबंधों को लेकर नया खुलासा हुआ है। आश्रम के प्रमुख सिद्धांत सागर महाराज ने बताया कि सुद्धांत सागर उर्फ राकेश जैन और प्रज्ञा दीदी उर्फ दीपा जैन दूसरे तीर्थ क्षेत्रों में भी विवादों में आ चुके हैं। मामला उजागर होने पर दोनों को सुलहनामा लिखकर वहां से भागना पड़ा। सिद्धांत सागर महाराज को झारखंड के दिगंबर जैन कोठी मधुबन और जैन समाज चातुर्मास समिति का लेटर मिला है। लेटर में दोनों के विवाद पर लिए गए निर्णय के बारे में उल्लेख है।

आचार्यश्री सिद्धांत सागर महाराज ने सुद्धांत सागर और प्रज्ञा दीदी के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने बताया कि आश्रम में सुद्धांत सागर और प्रज्ञा के बीच अनर्गल बातें और संदिग्ध गतिविधियां होने पर दोनों को बाहर कर दिया था। मामला हिंडोरिया थाने तक पहुंच गया था। इसके बाद सुद्धांत सागर और दीदी प्रज्ञा ने गृहस्थ जीवन अपनाकर शादी का निर्णय लिया था। सिद्धांत सागर महाराज ने मीडिया को ऐसे दो सुलहनामे उपलब्ध कराए हैं। एक सुलहनामा उनके यहां हुए विवाद से जुड़ा है। दूसरा झारखंड में एक साल पहले हुए विवाद का है। झारखंड से मिले लेटर में 12 अगस्त 2020 की बैठक का उल्लेख है। 6 बिंदुओं पर सुलहनामा दर्शाया है।

मधुबन कमेटी ने कराया था 6 बिंदुओं पर सुलहनामा

  1. मंदिर पुजारी सुनील जैन, उनकी पत्नी, प्रज्ञा दीदी और सुद्धांत सागर के बीच समझौता होना बताया।
  2. 17 अगस्त को प्रज्ञा दीदी को परिवार के साथ घर आगरा वापस जाने और ऐलाचार्य सुद्धांत सागर के विहार होने तक प्रज्ञा दीदी को शिखरजी वापस न आने देने का निर्णय लिया गया।
  3. सुद्धांत सागर के चातुर्मास तक बाधा नहीं आने देने और समाप्त होते ही एक माह में विहार करने की बात कही गई।
  4. सुद्धांत सागर का चातुर्मास के दौरान पूरा सहयोग करने।
  5. विहार होने तक विवाद होने पर समिति को सूचना देने।
  6. प्रज्ञा दीदी और दिगंबर जैन 20 पंथी कोठी कर्मचारी एक-दूसरे पर केस नहीं करने का निर्णय लिया गया।
झारखंड से मिले पत्र में 6 बिंदु का सुलहनामा।
झारखंड से मिले पत्र में 6 बिंदु का सुलहनामा।

बेलाग्राम मामले का भी सुलहनामा
दूसरा सुलहनामा दमोह से जुड़े विवाद का है। सुलहनामा में सुद्धांत उर्फ राकेश जैन ने महिला मित्र प्रज्ञा के साथ मिलकर दिया है। उन्होंने बताया है कि प्रज्ञा दीदी का विवाद गुरुजी से खाने को लेकर हो गया था। धर्म पालन के लिए सिद्धांत सागर महाराज ने उन्हें बाहर कर दिया था। यहां जैन समाज के कुछ लोगों से उनकी सुलह हो गई। अब वह कार्रवाई नहीं चाहती हैं।

दमोह में विवाद के बाद किया गया सुलहनामा।
दमोह में विवाद के बाद किया गया सुलहनामा।

5 बच्चों की शादी की, पता होता तो छठवीं भी कर देता- सुद्धांत सागर के पिता
सुद्धांत सागर के पिता मुलायम जैन का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि हम उनसे 25 साल से दूर हैं। मेरा उनसे सरोकार नहीं है। मेरे 6 बच्चे हैं। 5 की शादी की है। यदि ऐसा था, तो इनकी भी शादी कर देता। वह कक्षा 8 वीं में पढ़ते थे और भाग गए थे। मुझे बाद में पता चला कि वे मुनि बन गए हैं। हां, मुझे यह पता है, वे झांसी से बेलाजी आए थे। आश्रम में रुके थे। यहां उनका किससे क्या चल रहा था, क्या वाक्या हुआ, इसके बारे में पता नहीं है। मेरा और परिवार से उनका वास्ता नहीं है। वे यहां आएंगे ही क्यों और क्या मुंह लेकर आएंगे। उनका कृत्य सबको मालूम हो गया है। जगह-जगह से फोन आ रहे हैं। हम क्या बताएं, हम कैसी स्थिति में हैं।

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