मंदिर में हवन पूजन भी हो होंगे प्रारंभ, रविवार को रहेगा प्रतिबंध
नलखेड़ा, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध शक्ति स्थल मां बगलामुखी मंदिर में शनिवार से लंबे समय बाद दर्शनार्थी गर्भगृह में जाकर दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही मंदिर में हवन पूजन भी प्रारंभ हो जाएंगे। हालांकि रविवार को गर्भगृह में प्रवेश व हवन पूजन पर प्रतिबंध रहेगा।
यह निर्णय मां बगलामुखी मंदिर प्रबंध समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया। एसडीएम के.एल. यादव की उपस्थिति में हुई बैठक में निर्णय लिया गया की 28 अगस्त से मां बगलामुखी मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा साथ ही मंदिर में हवन पूजन भी प्रारंभ किए जाएंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि रविवार को दर्शनार्थियों के अत्यधिक भीड़ के कारण गर्भगृह में प्रवेश एवं हवन बंद रहेंगे।
मंदिर परिसर में कोविड-19 के दिशा निर्देश अनुसार एक समय में अधिकतम पांच व्यक्तियों को एक हवन कुंड को छोडक़र हवन करने की अनुमति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मां बगलामुखी मंदिर में लॉकडाउन के पूर्व से ही मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश एवं हवन पर प्रतिबंध लगा था। जिसके कारण भक्तजनों में आक्रोश था।
तंत्र साधना के लिए मशहुर है मां बगलामुखी
मां बगलामुखी मंदिर के चारों ओर श्मशान है यहां पर नवरात्रि में प्रदेश के कोने-कोने से तांत्रिक आकर तंत्र साधना करते हैं। मां बगलामुखी के बारे में कहा जाता है कि जो अगर सच्चे दिल से प्रार्थना करता है तो मां उसकी प्रार्थना अवश्य स्वीकार करती है। मंदिर में देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी मां के भक्त आते हैं वह अपनी मुराद पूरी करते हैं। कई राजनेताओं सहित अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए भी यहां समय-समय पर अनुष्ठान किए जाते रहे हैं।
135 दिन बाद नजदीक से दर्शन
मां बगलामुखी मंदिर 12 अप्रैल से कोविड-19 के चलते आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर पूरी तरह बंद किया गया था। सिर्फ पुजारी द्वारा ही दोनों समय पूजा अर्चना की जाती थी। उसके बाद 21 जून को दर्शनार्थियों के लिए मंदिर खोला गया था जिसमें आम दर्शनार्थियों के लिए गर्भगृह के बाहर से दर्शन के लिए प्रवेश दिया गया। फिर भी मंदिर में हवन पूजन पर प्रतिबंध था। मां बगलामुखी मंदिर प्रबंध समिति द्वारा द्वारा 27 अगस्त को बैठक आयोजित कर 28 अगस्त से गर्भ ग्रह में प्रवेश एवं मंदिर परिसर में हवन पूजन का कार्य प्रारंभ किया गया। इस प्रकार 135 दिन बाद मंदिर में एक बार फिर भक्त गर्भगृह में प्रवेश कर नजदीक से माताजी के दर्शन कर सकेंगे।