लिफ्ट का संचालन मरीज के परिजन कर रहे, आपरेटर रहता है गायब
उज्जैन, अग्निपथ। प्रशासनिक देखरेख के अभाव में चरक अस्पताल की लिफ्टों का संचालन सही तरह से नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते प्रसुताएं परेशान हो रही हैं और उनको सीढिय़ों से अपने वार्ड तक पहुंचना पड़ रहा है। जानकारी में आया है कि दस में से केवल 5 लिफ्टों का ही संचालन किया जा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिला अस्पताल की बंद पड़ी लिफ्ट का संचालन भी बंद पड़ा हुआ है।
चरक अस्पताल की लिफ्टों के बंद होने से मरीज केवल एक लिफ्ट का ही उपयोग कर पा रहे हैं। दूसरी मरीजो की अन्य दो लिफ्ट बंद पड़ी हुई हैं। वहीं दो नेत्र रोगियों, 2 डॉक्टरों, दो कोविड मरीजों, एक सीएमएचओ आफिस के लिए बुक होने के कारण बड़ी संख्या में आए मरीज लिफ्ट का उपयोग करने से वंचित हो रहे हैं। इस तरह से केवल 5 लिफ्टों का ही संचालन हो रहा है। मरीजों के लिए केवल एक लिफ्ट होने के कारण प्रसूताओं को सीढिय़ों से होकर वार्डों में जाना पड़ रहा है।
मामले में लिफ्ट संचालक विनोद यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि दो लिफ्ट के पार्टस नहीं मिल रहे थे। सोमवार तक दोनों लिफ्ट चालू हो जाएगी।
जिला अस्पताल की लिफ्ट बंद
जिला अस्पताल की एकमात्र लिफ्ट वर्षों से बंद पड़ी हुई है। पूर्व में इसको शुरू किया गया था लेकिन संचालन दुरुस्त नहीं होने के कारण मरीजों की जान आफत में फंस गई थी। इसके बाद इस लिफ्ट को अस्पताल प्रशासन द्वारा बंद करवा दिया गया। तब से लेकर आज दिनांक तक लिफ्ट का संचालन शुरू नहीं किया गया है और मरीज अपने परिजनों को सीढिय़ों से स्ट्रेचर पर लेकर आपरेशन थियेटर अथवा वार्ड में जाने को मजबूर हो रहे हैं।
लिफ्ट से आपरेटर नदारद
जानकारी में आया है कि मरीजों की लिफ्ट का संचालन भी उनके परिजनों को ही करना पड़ रहा है। लिफ्ट संचालित करने वाला आपरेटर केवल डॉक्टरों की लिफ्ट में ही अपनी सेवाएं दे रहा है। यहां पर आपरेटरों की भी कमी देखी जा रही है। ऐसे में भगवान भरोसे मरीजों के परिजन लिफ्ट का संचालन कर दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे हैं। आपरेटर नहीं होने से कितने लोगों को लिफ्ट में बैठाना है। इसका निर्धारण भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसी भी दिन कोई दुर्घटना घटित हो सकती है।