चार पिस्टल, एक रिवाल्वर और आठ कारतूस बरामद, खरीदारों की तलाश
उज्जैन,अग्निपथ। माकड़ोन का बदमाश काफी समय से घातक हथियार का धंधा कर रहा था। पुलिस से बचे बदमाश का राज उस समय खुल गया जब उसका साथी लोडेड पिस्टल के साथ पंवासा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने चार पिस्टल, एक रिवाल्वर व कारतूस बरामद कर बुधवार को दोनों को जेल भेज दिया।
मक्सीरोड स्थित माधोपुर से टीआई मुनेंद्र गौतम ने टीम के साथ मंगलवार रात उन्हेल स्थित नागझिरी निवासी दरबार पिता गोपाल दायमा को एक पिस्टल व तीन कारतूस के साथ पकड़ा। पूछताछ में कबूला कि वह पिस्टल माकड़ोन स्थित ग्राम करेड़ी का दिलीप सिंह पेंटर पिता झीतूसिंह से लाता है। जानकारी पर टीम ने रात को ही दबिश देकर दिलीप को पकड़ा और उसके पास से तीन देशी पिस्टल, एक रिवाल्वर व चार कारतूस जब्त किए। दोनों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया।
25 हजार में मौत का सामान
एएसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया दिलीप 12 से 18 हजार रुपए तक में पिस्टल-कट्टे लाता था और 25 हजार रुपए तक बेच देता था। पुलिस को दिलीप को हथियार बेचने वालों का पता नहीं चल सका, लेकिन उसके कुछ खरीददारों की जानकारी मिल गई है। पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। पुख्ता प्रमाण मिलने पर उन्हें गिरफ्त में ले सकती है।
सात थानों में रिकार्ड, फिर भी कार्रवाई से बचा
खास बात यह है कि जिला पुलिस कुछ अपराधों में आरोपी होने पर निगरानी, जिलाबदर व रासूका तक की कार्रवाई कर देती है, लेकिन दिलीप पर तराना, माकड़ोन के साथ शाजापुर व राजगढ़ तक 18 गंभीर केस दर्ज हैं। उसे पांच साल की सजा भी हुई। बावजूद वह हथियारों का धंधा करता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
इन्हें मिली सफलता
एएसपी सिंह ने बताया तस्करों को पकडऩे में मुख्य भूमिका सीएसपी पल्लवी शुक्ला, टीआई गौतम की रही है। एएसआई रामबालक सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक श्रवणसिंह भदौरिया, लक्ष्मणसिंह, आरक्षक संजय बिजापारी, नीरज पटेल, विनोद ठाकुर, धर्मेंद्र कुलश्रेष्ठ, नितिनसिंह, वीरेंद्रसिंह, कुुंदनसिंह, प्रफुल्ल शुक्ला, मनोज, नरेंद्र धाकड़, सैनिक विशाल व विक्रम मकवाना का भी सराहनीय योगदान रहा है।