राज्यपाल बोले शिक्षा के क्षेत्र में शिखर पर पहुंचेगा उज्जैन
राज्यपाल ने कहा, कृषि के क्षेत्र में नए पाठ्यक्रम शुरू करना विश्वविद्यालय का अहम फैसला है। इसमें पढ़ने वाले छात्रों के साथ शिक्षकों और वैज्ञानिकों को किसानों के बीच खेतों में भी जाना चाहिए। तभी कृषि की शिक्षा साकार हो सकेगी। नई शिक्षा नीति में ऐसा खुलापन है जो उन्हें दबाव से मुक्त ज्ञान के अवसर दिलाएगा। एक से ज्यादा एंट्री और एक्जिट से छात्र को ज्यादा विकल्प मिलेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा गुड़ी पड़वा के दिन विक्रम विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा। विक्रम विश्वविद्यालय प्रदेश में सबसे पुराना है लेकिन आज प्रदेश के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालय इससे आगे हैं। इसे अब मप्र में सबसे अग्रणी बनाया जाएगा। मप्र शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। नए पाठ्यक्रमों के साथ नई शिक्षा नीति से उज्जैन के शिक्षा जगत में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। इस अवसर पर सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री व विधायक पारस जैन, कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री विजय कुमार, कुलसिचव डॉ. प्रशांत पौराणिक आदि भी मौजूद थे।
राज्यपाल ने उज्जैन आने के बाद सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर पहुचकर श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन व पूजन किया और महाकालेश्वर भगवान की आरती में सम्मिलित हुए। पूजन-अभिषेक श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प. संजय शर्मा एवं पं. प्रमोद शर्मा द्वारा सपन्न करवाया गया। इसके राज्यपाल को महर्षि सांदिपनी आश्रम में पं. रूपम व्यास ने भगवान कृष्ण के दर्शन व पूजा कराई। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
14 सितंबर तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
वर्तमान सत्र में विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू किये गये हैं। जिनमें पीजी, यूजी, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शामिल हैं। इनके सहित विक्रम विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों की संख्या 180 से अधिक हो गई है, जिनमें प्रवेश के लिये विद्यार्थी 14 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।