जिले में लंबे समय के बाद कोरोना का एक मरीज मिला है। जन्माष्टमी के दिन कोरोना पॉजीटिव मिलने से प्रशासन में भी हडक़ंप मच गया। जिले में इन दिनों रोज 800 से 1200 लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। लंबे समय से कोरोना पॉजीटिव मरीज नहीं मिल रहे थे। जीरों की संख्या से अधिकारी-नागरिक सभी राहत की सांस ले रहे थे।
लेकिन जन्माष्टमी पर एक मरीज के मिलने से खतरे की आहत फिर सुनाई देने लगी है। हालांकि इसके पीछे कहीं न कहीं हम सब लोग ही दोषी हैं। अप्रैल-मई में जब कोरोना की दूसरी लहर हमारे आसपास चरम पर थी, जगह-जगह बीमार और लाशें पड़ी थी। उस वक्त हर आदमी घबराया हुआ था और सिर्फ जान बचाने की फिराक में लगा था। कितना ही जरूरी काम हो वो अमूनन तो घर से बाहर ही नहीं निकलता था और अगर निकला भी तो कोरोना से बचने के सारे ताम-झाम लेकर।
लेकिन अब ये हालात है कि एक्सपर्ट के लाख कहने के बावजूद भी कोरोना गाइड लाइन का कही पालन नहीं हो रहा है। मास्क, सेनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नजर नहीं आ रही है। हालांकि वर्तमान में बढ़ते वैक्सीनेशन से लोगों की जान तो बच सकती है, लेकिन बीमार होने से नहीं बच सकते। अब तक जिले में 12 लाख 55 हजार 115 लोगों को पहला और 3 लाख 44 हजार 600 को दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। फिर भी संभलना जरूरी।