अब कलेक्टर से मिले नगर निगम के ठेकेदार

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के ठेकेदारों ने गुरुवार को कलेक्टर आशीषसिंह से मुलाकात कर बकाया भुगतान दिलाने की गुहार लगाई है। ठेकेदार संभागायुक्त संदीप यादव के कार्यालय पर भी पहुंचे। यहां संभागायुक्त से मुलाकात नहीं हो सकी तो उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा।

पिछले 15 दिनों से नगर निगम के ठेकेदार जनप्रतिनिधियों और नगर निगम आयुक्त के पास बकाया भुगतान पाने के लिए चक्कर काट रहे है। गुरुवार को सारे ठेकेदारों ने कलेक्टर आशीष सिंह के पास पहुंचे। कोठी पैलेस पर पहुंचे नगर निगम के ठेकेदारों ने कलेक्टर आशीष सिंह को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन के माध्यम से सभी ने डेढ़ साल से बकाया चल रहे भुगतान को कराने की मांग रखी।

ठेकेदारों ने बताया कि राज्यशासन से मिलने वाली सालाना ग्रांट की रकम यदि नगर निगम को जल्द मिल जाती है तो ठेकेदारों को भुगतान आसानी से हो जाएगा। कलेक्टर ने इन्हें आश्वस्त किया है कि वे शासन स्तर पर इस मामले में बात करेंगे। नगर निगम के 80 से ज्यादा ठेकेदारों के करीब 60 करोड़ रुपए पिछले डेढ़ साल से बाकी चल रहे है। आयुक्त क्षितिज सिंघल ने पिछले साल जुलाई-अगस्त का 25 प्रतिशत भुगतान रीलिज किया लेकिन इसके आगे केवल आश्वासन ही मिल सका।

वित्त अधिकारी की कुर्सी खाली

नगर निगम के वित्त अधिकारी की कुर्सी पिछले तीन दिनों से खाली है। अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ के साथ तनातनी के बाद आयुक्त क्षितिज सिंघल ने उनके ज्यादातर दायित्व अपर आयुक्त मनोज पाठक को सौंप दिए थे। धाकड़ स्वास्थ्यगत कारणों से छुट्टी गए तो नगर निगम में वित्त अधिकारी का दायित्व संभागायुक्त ने अस्थाई तौर पर राघवेंद्र पाल सिंह को सौंप दिया। मनोज पाठक वाले दायित्व भी उन्हें मिल गए। 28 अगस्त को अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ फिर से ज्वाइन कर चुके है और राघवेंद्र पाल सिंह नगर निगम के दायित्व से मुक्त हो गए है। ऐसे में न मनोज पाठक के पास वित्त अधिकारी का चार्ज है, न धाकड़ के पास न ही राघवेंद्र पाल सिंह के पास। नौबत यह हो गई है कि तीन दिनों में नगर निगम वित्त विभाग में फाइलों का अंबार लग गया है।

Next Post

फर्जी मार्कशीट से नगर निगम में नौकरी पाने वाले भावसार पर केस दर्ज

Thu Sep 2 , 2021
एक साल पहले दूसरी बार किया था बर्खास्त उज्जैन,अग्निपथ। फर्जी अंकसूची से नौकरी पाने वाले टाईम कीपर संजय भावसार पर आखिरकार गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर दिया। धोखाधड़ी के इस मामले में नगर पालिक निगम द्वारा जांच के बाद उसे बर्खास्त कर केस दर्ज के लिए आवेदन […]